एआईएमआईएम के राष्ट्रीय एकीकरण दिवस के मद्देनज़र ‘तिरंगा यात्रा’ निकाली. इस दौरान पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिन्होंने हैदराबाद (पूर्व) रियासत की आज़ादी के लिए एक बूंद पसीना नहीं बहाया, वे अब इसे ‘मुक्ति दिवस’ कह रहे हैं.
हैदराबाद: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी और मुसलमानों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से किसी वफादारी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है और वे उसे कूड़ेदान में फेंक सकते हैं.
जुमे की नमाज के बाद ओवैसी की एआईएमआईएम ने राष्ट्रीय एकीकरण दिवस के तहत ‘तिरंगा यात्रा’ निकाली.
रैली के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने भाजपा एवं आरएसएस की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि जिन्होंने हैदराबाद की (पूर्व) रियासत की आजादी के लिए एक भी बूंद पसीना नहीं बहाया, वे अब इसे ‘मुक्ति दिवस’ कह रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘एआईएमआईएम और मुसलमान, हिंदुओं और दलितों, जिन्होंने इस जमीन पर अपनी जान गंवाई, उन्हें आरएसएस या भाजपा से किसी वफादारी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है, आप उसे कूड़ेदान में फेंक दें.’
ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईम का रजाकार सेना (निजाम शासन के समर्थन में बनी निजी मिलिशिया) के प्रमुख कासिम रिजवी से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वह तुर्रेबाज खान एवं मौलवी अल्लाद्दिन की विरासत को आगे ले जाएगी जिन्होंने ब्रिटिश के विरूद्ध लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी.
उन्होंने कहा, ‘हैदराबाद पूर्व हैदराबाद रियासत के भारतीय संघ में विलय की वर्षगांठ पर राष्ट्रीय एकीकरण दिवस मना रहा है. हमने अपनी जुमे की नमाज अदा की और तिरंगा बाइक रैली शुरू की. जनसभा भी होगी.’
केंद्र ने घोषणा की थी कि वह 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाया जा रहा है. उसके बाद ही एआईएमआईएम प्रमुख ने तीन सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे ‘मुक्ति’ शब्द की जगह ‘राष्ट्रीय एकीकरण दिवस’ का इस्तेमाल करने का आह्वान किया था.
उन्होंने कहा कि महज जमीन के एक टुकड़े की ‘मुक्ति’ के बजाय उपनिवेशवाद, सामंतवाद एवं निरंकुशवाद के विरूद्ध पूर्व हैदराबाद रियासत के लोगों का संघर्ष राष्ट्रीय एकीकरण का प्रतीक है.