घरेलू रेटिंग एजेंसी ने पिछले पांच साल का अध्ययन कर बताया, 7 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ रोज़गार मात्र 1 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा.
मुंबई: घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने देश में रोजगार विहीन वृद्धि की आशंका जताई है. उसने कहा कि रोजगार के अवसर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अनुरूप नहीं बढ़ रहे हैं. एजेंसी ने इसे प्रमुख चिंता का विषय बताया.
उसने कहा कि इस प्रकार की स्थिति सरकार की तरफ से सक्रियता से कदम उठाने का आह्वान करती है और हाल में बुनियादी ढांचा निर्माण के लिए जो पहल की गई है, उससे मदद मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने भी रोजगार में कम वृद्धि की बात स्वीकार की है और इसको लेकर कार्यबल का गठन किया है.
रोजगार विहीन वृद्धि ऐसी स्थिति है जहां अर्थव्यवस्था नरमी से तो उबरती है लेकिन रोजगार बाजार में जस-की-तस स्थिति बनी रहती है.
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि क्षेत्रवार आधार पर सेवा क्षेत्र ने कुछ राहत दी है लेकिन हाल में विनिर्माण क्षेत्र रोजगार सृजन में विफल रहा है. बैंक, आईटी, खुदरा और स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार रोजगार सृजित हुए और आगे भी होंगे जबकि खनन, बिजली और दूरसंचार क्षेत्र में रोजगार में कमी दर्ज की गई है.
एजेंसी ने पिछले पांच साल के लिए कारपोरेट क्षेत्र में रोजगार की स्थिति का अध्ययन किया है. इस अध्ययन के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 1473 कंपनियों में 51.8 लाख रोजगार सृजित हुए जो 2014-15 में 50.1 लाख थे. इस प्रकार, रोजगार में प्रति वर्ष एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई जबकि वृद्धि दर करीब 7.0 प्रतिशत रही.
रोजगार सृजन के मामले में बैंकिंग क्षेत्र अव्वल रहा. इसकी रोजगार सृजन में 21.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही. उसके बाद क्रमश: आईटी, खनन, स्वास्थ्य और कपड़ा क्षेत्र का स्थान रहा.
वित्त वर्ष 2016-17 में जिन क्षेत्रों में रोजगार में कमी दर्ज की गई, उसमें एफएमसीजी रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियां, मीडिया और मनोरजंन तथा कागज क्षेत्र शामिल हैं.