लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 23,179 गृहणियों, 15,870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2,541 कर्मचारियों ने आत्महत्या की. इसी अवधि में 42,004 दिहाड़ी मज़दूरों, 5,563 खेतिहर मज़दूरों और व्यवसाय क्षेत्र के 12,055 लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं.
नई दिल्ली: देश में वर्ष 2021 में प्रतिदिन औसतन 115 दिहाड़ी मजदूरों और 63 गृहणियों ने आत्महत्या की तथा इस वर्ष पूरे देश में आत्महत्या के 1,64,033 मामले दर्ज किए गए. लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली है.
लोकसभा में डॉ. मोहम्मद जावेद के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा पेश राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 23179 गृहणियों, 15870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, 1898 सरकारी सेवकों, निजी क्षेत्र के उद्यमों से जुड़े 11431 लोगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2541 कर्मचारियों ने आत्महत्या की.
राय ने कहा कि एनसीआरबी अपने प्रकाशन भारत में आकस्मिक मौतें और आत्महत्याएं के तहत आत्महत्या के आंकड़ों को संकलित और प्रकाशित करता है. प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2021 तक ही उपलब्ध है.
गृह राज्य मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले वर्ष 13089 छात्रों, 13714 बेरोजगार व्यक्तियों, 4532 फुटकर कारोबारियों (वेंडर), 3633 दस्तकारों तथा कृषि क्षेत्र के 10881 लोगों ने आत्महत्या की.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 5,318 किसानों के अलावा खेतिहर मजदूरों की सहायता से या उनके बिना अपनी जमीन पर खेती करने वाले 4806 लोगों, खेतिहर मजदूरों की सहायता से या बिना पट्टे की जमीन पर खेती करने वाले/पट्टे पर/दूसरे की जमीन पर काम करने वाले 512 लोगों ने आत्महत्या की.
इस अवधि में 5,563 खेतिहर मजदूरों और अन्य श्रेणी के 23,547 लोगों के आत्महत्या करने के मामले सामने आए हैं.
मंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 42,004 दिहाड़ी मजदूरों तथा 1,518 सेवानिवृत व्यक्तियों ने आत्महत्या की. आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में आत्महत्या करने वालों में स्वनियोजित व्यक्ति 20231, अन्य स्वनियोजित व्यक्ति 8176, व्यवसाय क्षेत्र के 12055 व्यक्ति शामिल रहे.
इसके अलावा साल 2014 में 15735, 2015 में 23799, 2016 में 25164, 2017 में 28741, 2018 में 30127, 2019 में 32563 और 2020 में 37666 दिहाड़ी मजदूरों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं.