छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि आरोपी सरपंच ने पूछताछ में स्वीकार किया कि 12 नवंबर की रात आरटीआई कार्यकर्ता से विवाद हो गया था और सिर पर डंडे से वार से उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद आरोपियों ने शव जंगल में ले जाकर जला दिया और उनकी मोटरसाइकिल के टुकड़े कर ज़मीन में गाड़ दिया गया था.
कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम (कवर्धा) जिले की पुलिस ने पिछले महीने से लापता एक आरटीआई कार्यकर्ता का जला हुआ कंकाल बरामद किया है. पुलिस ने इस मामले में गांव के सरपंच समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने अपराध को छुपाने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता की मोटरसाइकिल को तीन हिस्सों में काटकर जंगल में जमीन के नीचे गाड़ दिया था.
कवर्धा जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि जिले के स्थानीय अखबार में काम करने वाले पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता 32 वर्षीय विवेक चौबे का जला हुआ कंकाल चिल्फी थाना क्षेत्र के जंगल से बरामद किया गया है.
सिंह ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव, ग्रामीण नंदलाल मेरावी, सुखसागर यादव और जगदीश धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चौबे के परिजनों ने 16 नवंबर को पुलिस में शिकायत की थी कि चौबे 12 नवंबर को कवर्धा शहर में अपने घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और चौबे की खोजबीन शुरू की गई.
सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि चौबे को आखिरी बार जिले के चिल्फी थाना क्षेत्र के कुंडापानी गांव की ओर जाते हुए देखा गया था. इसके बाद पुलिस ने इलाके में उनकी तलाश शुरू की.
एसपी ने बताया कि चिल्फी क्षेत्र छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश की सीमा पर है और नक्सल प्रभावित है. इसे ध्यान में रखते हुए इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया. साथ ही चौबे की सूचना देने वाले को नकद इनाम देने घोषणा की गई.
सिंह ने बताया कि इस दौरान मामले के आरोपियों में से एक बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव ने भी चौबे की सूचना देने पर नकद इनाम की घोषणा की. इससे पुलिस को यादव पर शक हुआ.
उन्होंने बताया कि बाद में मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कुंडापानी गांव के पास जंगल से जला हुआ मानव कंकाल बरामद किया. कंकाल का फॉरेंसिक परीक्षण कराने के बाद जानकारी मिली कि वह एक व्यस्क पुरुष का है.
सिंह ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने सरपंच अमित यादव और उसके तीन साथियों – सरपंच के भाई सुखसागर, नंदलाल मेरावी और जगदीश ध्रुव – से पूछताछ की. शुरुआत में उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. चारों आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
सिंह ने बताया कि आरोपी सरपंच अमित यादव ने स्वीकार किया कि आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे 12 नवंबर की रात तक उसके साथ थे. इस दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ और यादव ने चौबे के सिर पर डंडे से वार किया. इससे चौबे की मौके पर ही मौत हो गई.
एसपी ने बताया कि हत्या के बाद चारों आरोपी शव को जंगल ले गए और उसे जला दिया. उन्होंने चौबे की मोटरसाइकिल को भी नष्ट कर उसे जंगल में गाड़ दिया. चौबे का मोबाइल फोन आरोपियों ने अपने पास रख लिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने इलाके में अलग-अलग जगहों से चौबे के फोन से कॉल करके पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, ताकि यह लगे कि वह जीवित हैं और कहीं जा रहे हैं.