सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र के नोटबंदी के फ़ैसले की वैधता के साथ जमा कराने से संबंधित पहलू पर भी पांच सदस्यीय पीठ विचार करेगी.
नई दिल्ली: चलन से बाहर हुए नोटों को जमा करने की अनुमति के लिए दायर 14 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी का केंद्र के फैसले की वैधता के साथ ही इस पहलू पर भी पांच सदस्यीय संविधान पीठ विचार करेगी.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि संविधान पीठ ने उन लोगों की व्यक्तिगत याचिकाओं पर भी विचार करेगी जो भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय समय सीमा में पुराने नोट जमा नहीं करा सके थे.
याचिका दायर करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने आरबीआई अधिनियम या केंद्र की आठ नवंबर, 2016 की अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी है, बल्कि वह अपने पास रखे चलन से बाहर हुए नोट जमा कराना चाहते हैं.
एक याचिकाकर्ता के वकील प्रणव सचदेवा का कहना था, ‘विधि सम्मत प्रक्रिया के बगैर हमारी मेहनत की कमाई जब्त कर ली गई है और हमें समुचित अवसर भी नहीं दिया गया.
पीठ ने याचिका दायर करने वालों से कहा है कि वह लंबित याचिकाओं में दो-तीन पन्नों की अर्जी दें, जिनपर संविधान पीठ बाद में सुनवाई करेगी. इसके साथ ही अदालत ने 14 व्यक्तिगत याचिकाओं का निबटारा कर दिया.