हिमाचल: दूषित पानी पीने से बीमार पड़ने वालों की संख्या 535 हुई

हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर ज़िले के एक दर्जन गांवों के लोग जलजनित बीमारी की चपेट में आ गए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि एक निर्माणाधीन टैंक से पानी को फिल्टर किए बिना आपूर्ति की गई, जिससे यह बीमारी फैली है.

(फोटोः पिक्साबे)

हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर ज़िले के एक दर्जन गांवों के लोग जलजनित बीमारी की चपेट में आ गए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि एक निर्माणाधीन टैंक से पानी को फिल्टर किए बिना आपूर्ति की गई, जिससे यह बीमारी फैली है.

(प्रतीकात्मक फोटोः पिक्साबे)

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिले के नादौन अनुमंडल के एक दर्जन गांवों में कथित रूप से दूषित पानी पीने से बीमार पड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़कर रविवार को 535 हो गई.

जिले के बान्ह, जांदगी गुजरां, जंडाली राजपुताना, पन्याला, पथियालु, नियति, रंगास चौकी हार, थेन और संकर समेत एक दर्जन गांवों के लोग जलजनित बीमारी की चपेट में आ गए हैं.

रंगास के पंचायत प्रमुख राजीव कुमार ने इससे पहले कहा था कि बीमार होने वाले लोगों की संख्या 300 को पार कर चुकी है, जिनमें से कुछ मरीजों को हमीरपुर के अस्पताल में भेजा गया है.

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि बीमार होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 535 हो गई है.

कुमार ने कहा कि जलशक्ति विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया पानी पीने से प्रत्येक घर में दो से तीन लोग बीमार हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह माना जा रहा है कि पानी में बड़ी मात्रा में जीवाणु होने के कारण बीमारी हो रही है.

ग्रामीणों ने कहा कि एक निर्माणाधीन टैंक से पानी को फिल्टर किए बिना आपूर्ति की गई, जिससे यह बीमारी फैली है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की उचित देखभाल करने का निर्देश दिया है तथा यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि दवाओं एवं अन्य सुविधाओं का अभाव न हो.

मुख्यमंत्री सुक्खू स्वयं नादौन से विधायक हैं. सुक्खू ने मामले में राज्य एवं जिलास्तरीय एजेंसियों से संपूर्ण रिपोर्ट की मांग की है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (हमीरपुर) डॉ. आरके अग्निहोत्री की निगरानी में लोगों का इलाज करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित गांवों में पहुंच चुकी हैं.

जल शक्ति विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभाग ने प्रभावित गांवों में जलापूर्ति बंद कर दी है.

विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि आपूर्ति बंद किए जाने के बाद लोगों को बोतल बंद पानी की अपूर्ति की जा रही है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उपायुक्त देबश्वेता बानिक ने कहा कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य और आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से आवश्यक दवाएं, ओआरएस पैकेट, क्लोरीन की गोलियां और अन्य सामग्री गांवों में पहुंचाई गईं.