ऐसा कोई नियम नहीं कि सदन में सदस्य आरोप नहीं लगा सकते: लोकसभा के पूर्व महासचिव

पिछले दिनों हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में अपने भाषण में अडानी समूह का उल्लेख करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया था. संसद के दोनों सदनों में उनके भाषण के कई अंशों को कार्यवाही से हटा दिया गया था.

/
बजट सत्र के दौरान लोकसभा में उद्योगपति गौतम अडानी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाते कांग्रेस सांसद राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

पिछले दिनों हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में अपने भाषण में अडानी समूह का उल्लेख करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया था. संसद के दोनों सदनों में उनके भाषण के कई अंशों को कार्यवाही से हटा दिया गया था.

राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पिछले दिनों हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में अपने भाषण में अडानी समूह का उल्लेख करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया था.

संसद के दोनों सदनों में उनके भाषण के कई अंशों को कार्यवाही से हटा दिया गया था. ऐसे में सांसदों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उनके विशेषाधिकारों के हनन के मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई है.

इस बारे में लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचारी से समाचार एजेंसी ‘भाषा के पांच सवाल’ और उनके जवाब:

संसद में पिछले दिनों चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों के भाषण के कुछ अंशों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया. इसे विपक्ष ने सांसदों के विशेषाधिकारों का हनन बताया है. इस पर क्या राय है?

संसद में सदस्यों द्वारा दिए जाने वाले भाषण में कोई शब्द या संदर्भ अगर अमर्यादित या अशोभनीय होता है, तब अध्यक्ष को यह अधिकार होता है कि वह उसे कार्यवाही से हटा सकते हैं. ऐसा हमेशा से होता आया है, लेकिन अभी प्रधानमंत्री पर कुछ आरोप लगाए गए हैं. ऐसे में आरोपों की पुष्टि करने के लिए सबूत मांगे जा रहे हैं.

ऐसे मामलों को लेकर संसदीय प्रक्रिया में कोई तय नियम नहीं है. 1950 के बाद से विभिन्न लोकसभा अध्यक्षों द्वारा दी गई व्यवस्थाओं के आधार पर ऐसे विषयों पर प्रक्रिया तय की गई है. इसमें कहा गया है कि अगर कोई सदस्य आरोप लगाते हैं तो वे तथ्यों के आधार पर उसकी पुष्टि करें और उसकी जिम्मेदारी लें. ऐसी स्थिति में ही आरोप लगाए जा सकते हैं.

हाल में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर संविधान के अनुच्छेद 19(2) के अलावा अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते और उन्हें अन्य नागरिकों के समान अधिकार प्राप्त हैं. इस फैसले की पृष्ठभूमि में संसदीय कामकाज की प्रक्रिया के साथ सामंजस्य बनाने में किस प्रकार की चुनौतियां आ सकती हैं?

संसद के निर्देश में सदस्यों को सभा के अंदर अपनी बात रखने की पूरी आजादी है और यह अनुच्छेद 105 के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है. अनुच्छेद 19 (2) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सामान्य प्रावधान है, लेकिन अनुच्छेद 105 के तहत सदस्यों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर खास अधिकार दिए गए हैं. इसमें सदन में कही गईं बातों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.

कोई भी स्वतंत्रता अपने आप में पूर्ण नहीं होती और अनुच्छेद 105 को लेकर भी यह कहा जाता है कि यह सदन के नियमों के अनुरूप हो. हालांकि अध्यक्ष/सभापति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुच्छेद 105 के तहत प्रदत्त अधिकारों को कम नहीं किया जाए.

संसद में सदस्यों को मुक्त रूप से अपनी बात रखने को लेकर किस प्रकार की व्यवस्था है और सदन से बाहर किसी व्यक्ति के उल्लेख को लेकर क्या प्रावधान हैं?

संसद के भीतर सदस्यों को अपनी बात रखने की उपयुक्त व्यवस्था है, जो नियमों एवं प्रक्रियाओं में भी स्पष्ट है और अनुच्छेद 105 में इसका प्रावधान किया गया है. ऐसा कोई नियम नहीं है कि आरोप नहीं लगाए जा सकते.

सदस्यों को अपनी बात रखते हुए दो चीजों का ध्यान रखना चाहिए. पहला यह कि वे जो भी कहें, उसकी जिम्मेदारी लें और दूसरा कि उनकी कही बातें या आरोप तथ्यों के आधार पर हों. ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि अगर उक्त मामले की कोई जांच होती है और आरोप बेबुनियाद साबित होते हैं, तब विशेषाधिकार हनन का मामला चलाया जा सके.

संसद की प्रक्रियाओं के तहत असंसदीय शब्दों एवं संदर्भों की क्या परिभाषा है. क्या इसको लेकर कोई मानक तय होना चाहिए?

असंसदीय शब्दों को लेकर कोई नियम मानदंड तय नहीं है और यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि उक्ति, शब्द या बातें किस संदर्भ में कही गई हैं.

मिसाल के तौर पर एक समय केंद्र सरकार में मंत्री रहे सरदार स्वर्ण सिंह जब सदन में अपनी बात रख रहे थे, तब जनसंघ के एक सदस्य हुकुमचंद ने कहा था कि अध्यक्ष जी 12 बज गए हैं. इस पर सरदार स्वर्ण सिंह ने आपत्ति व्यक्त की थी और इसे कार्यवाही से हटा दिया गया था.

ऐसे में सदन में किसी सदस्य द्वारा कही गईं बातों का संदर्भ महत्वपूर्ण होता है और उसी के आधार पर उसे असंसदीय करार दिया जाता है या कार्यवाही से हटाया जाता है.

बदलते समय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्या संसद में कामकाज की प्रक्रिया और नियमों में संशोधन किए जाने की जरूरत है?

संसद में नियम चर्चा और कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए होते हैं. अगर सदस्य नियमों के मुताबिक चलेंगे, नियमों को मानेंगे तब सदन में कामकाज अच्छे ढंग से चलेगा. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इसमें बदलाव की कोई जरूरत है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games slot gacor slot thailand pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq judi bola judi parlay pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games pkv games bandarqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq slot gacor slot thailand slot gacor pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot gacor slot gacor bonus new member bonus new member bandarqq domoniqq slot gacor slot telkomsel slot77 slot77 bandarqq pkv games bandarqq pkv games pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq pokerqq bandarqq pkv games dominoqq pokerqq pkv games bandarqq dominoqq pokerqq bandarqq pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq pkv games dominoqq slot bca slot bni bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bri slot mandiri slot telkomsel slot xl depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 slot gacor slot thailand sbobet pkv games bandarqq dominoqq slot77 slot telkomsel slot zeus judi bola slot thailand slot pulsa slot demo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot mahjong slot bonanza slot x500 pkv games slot telkomsel slot bca slot77 bocoran admin jarwo pkv games slot thailand bandarqq pkv games dominoqq bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games bandarqq bandarqq pkv games pkv games pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games dominoqq bandarqq