मनमोहन ने नोटबंदी को बताया संगठित लूट और कानूनी डाका, जेटली ने कहा ऐतिहासिक पल, पीढ़ियां गर्व करेंगी.
नई दिल्ली: नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान छिड़ा है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे संगठित लूट और कानूनी डाका बताते हुए कहा है कि सरकार ने नोटबंदी से हुए नुकसान को लेकर कोई सबक नहीं सीखा. वहीं, सरकार नोटबंदी को ऐतिहासिक पल बताते हुए इसके फायदे गिना रही है. केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों को सक्रिय कर दिया गया है जो अपने अपने तरीके से जनता को नोटबंदी के फायदे गिना रहे हैं.
नोटबंदी और जीएसटी पर लगातार निशाना साध रहे कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट के जरिये नोटबंदी को त्रासदी बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘एक आंसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना.’
"एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुमने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना" pic.twitter.com/r9NuCkmO6t— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2017
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, नोटबंदी एक त्रासदी है. हम उन लाखों ईमानदार भारतीयों के साथ खड़े हैं, जिनका जीवन और जीविका प्रधानमंत्री के अविवेकपूर्ण कारनामे से तबाह हो गई.’
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नोटबंदी को एक ‘ऐतिहासिक पल’ बताया है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि नोटबंदी एक बिना सोचा समझा कदम था.
नोटबंदी को एक वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या पर मंगलवार को दोनों पार्टियों में वाकयुद्ध शुरू हो गया. भाजपा आठ नवंबर को ‘कालाधन विरोधी’ दिवस जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे ‘काला दिवस’ के तौर पर मनाने वाली है.
नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर ताजा हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नोटबंदी का कदम एक ‘बड़ा घोटाला’ था और काले धन को सफेद में बदलने के निहित स्वार्थों के लिए इसका ऐलान किया गया था.
सिंह और जेटली के बीच ताजा वाकयुद्ध तब शुरू हुआ जब सिंह ने कहा कि वह उसे दोहरा रहे हैं जो उन्होंने पहले कहा था कि नोटबंदी एक ‘संगठित लूट और कानूनी डाका था.’
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी एक नैतिक आर्थिक कवायद थी जिसने आर्थिक व्यवस्था को पारदर्शी, निष्पक्ष एवं ईमानदार बनाने की पहल की जबकि ‘लूट’ पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय में 2जी, राष्ट्रमंडल खेल, कोयला ब्लाक आवंटन घोटालों के माध्यम से हुई.
जेटली ने ब्लाग ‘ए इयर आफ्टर डीमॉनिटाइजेशन’ में लिखा है, ‘आठ नवंबर 2016 को भारतीय अर्थव्यवस्था में एक ऐतिहासिक पल के तौर पर याद रखा जाएगा.’
नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास का महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए जेटली ने कहा कि नोटबंदी ने देश में स्वच्छ, पारदर्शितापूर्ण और ईमानदार वित्तीय प्रणाली प्रदान की है जिस पर आने वाली पीढ़ी गर्व करेंगी.
जेटली ने कहा कि आठ नवंबर को भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में महत्वपूर्ण क्षणों के रूप में याद किया जाएगा. यह दिवस देश से कालाधन की गंभीर बीमारी के उपचार के इस सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करता है.
मनमोहन बोले- सरकार ने सबक नहीं सीखा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और जीएसटी की दोहरी मार को अर्थव्यवस्था के लिए तबाही करार देते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार ने इससे कोई सबक नहीं सीखा है.
सिंह ने संसद में नोटबंदी को संगठित लूट और ऐतिहासिक भूल कहा था.
नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी पर कांग्रेस की ओर से हमले तेज कर दिए गए हैं.
सिंह ने सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने इस परियोजना को सिर्फ दिखावा बताया. सिंह ने कहा कि वह उस बात को फिर दोहरा रहे हैं जो वह पहले कह चुके हैं कि नोटबंदी एक संगठित लूट और वैधानिक डाका है. उन्होंने इसे बिना सोचे समझे लिया गया कदम तथा विनाशकारी नीति बताया, जो अपने उद्देश्यों को हासिल करने में विफल रही. उन्होंने कहा कि जीएसटी को जल्दबाजी में क्रियान्वित किया गया है.
गुजरात में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस ने मोदी को उनके गृह राज्य में चुनौती देने के लिए 85 वर्षीय सिंह को मैदान में उतार दिया है जो एक जानेमाने अर्थशास्त्री हैं. यहां अपनी पार्टी द्वारा आयोजित लघु एवं मझोले कारोबारियों के सम्मेलन में ज्यादातर लघु और मझोले उद्यमी मौजूद थे जिन्हें जीएसटी को लेकर लगातार दिक्कतें आ रही हैं.
डींग और ड्रामा को क्रियान्वित नहीं किया जा सकता
अहमदाबाद में संवाददाताओं से बातचीत में मोदी पर तंज कसते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की मोदी की योजना भी चुनावी जुमला ही साबित होगी.
उन्होंने कहा कि डींग और ड्रामा को साहस और दृढ़ निश्चय तथा बेहतर तरीके से क्रियान्वयन नहीं कहा जा सकता. पूर्व प्रधानमंत्री ने पार्टी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से कारोबारी समुदाय के मन में कर का आतंक बैठा है.
सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से नोटबंदी कर चोरी तथा कालेधन को समाप्त कराने का कोई तरीका नहीं था. नोटबंदी सिर्फ राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए थी, जबकि असली अपराधी इसमें बच गए हैं. मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि यह संगठित लूट और कानूनी डकैती थी.
मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी को दो महान गुजरातियों महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से कामकाज के संचालन में दिल और दिमाग दोनों शामिल होते हैं. मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि केंद्र सरकार दोनों मोर्चों पर अपना कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रही है.
उन्होंने कहा कि इनकी वजह से लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचें. वृद्धि के अवसर गंवा दिए, नौकरियां गई, युवाओं के लिए अवसर समाप्त हुए. कारोबार बंद हो गए और उद्यमी का सफलता हासिल करने का प्रयास निराशा में बदल गया.
सिंह ने इस बात पर क्षोभ जताया कि सरकार ने इस ऐतिहासिक भूल से किसी तरह का सबक नहीं सीखा है. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, मैंने सरकार से संसद में गरीब और सीमान्त किसानों, व्यापारियों तथा लघु एवं मझोले उद्यमियों को राहत प्रदान करने की अपील की थी. नोटबंदी से यह वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. राहत देने के बजाय सरकार ने ऐसा जीएसटी थोप दिया जिसका डिजाइन खराब है. जीएसटी काे जल्दबाजी में लागू किया गया. उन्हाेंने कहा कि यह दाेहरे झटके अर्थव्यवस्था के लिए पूर्ण तबाही वाले थे.
उन्हाेंने आगे कहा कि माेदी इन दाे नीतियाें के असंगठित क्षेत्र और राेजगार पर पड़ने वाले प्रभाव काे समझाने में विफल रहे.
कांग्रेस का काला दिवस
कांग्रेस और उसके विभिन्न संगठन नोटबंदी की घोषणा के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी सहित देश भर में काला दिवस मना रहे हैं. पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी सूरत में कपड़ा तथा अन्य व्यवसायियों के साथ बातचीत कर उनकी व्यथा को जानने पहुंचेंगे.
सूरत में 21 हजार लोगों की नौकरी गई
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को गुजरात में कहा कि पिछले एक साल में अकेले सूरत शहर में 21 हजार लोगों की नौकरी गई है. सुरजेवाला ने मंगलवार की शाम को बताया कि कांग्रेस ‘नोटबंदी के खिलाफ भुगत रहा है देश’ शीर्षक से देश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी इस सदी का सबसे बड़ा घोटाला है. भारतीय अर्थव्यवस्था इसके दुष्प्रभावों के शिकंजे से अभी तक नहीं निकल पाई है. कांग्रेस ने इस मौके पर सभी राज्यों में प्रदर्शन और कैंडल मार्च का आयोजन किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था की बुरी स्थिति हो गई है और इसने आम आदमी की कमर तोड़ दी. जिस तरह से नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के कारण लघु एवं मझोले उद्योग बंद हुए और हजारों की संख्या में लोगों की नौकरी गई है, उससे अर्थव्यवस्था पर जो प्रभाव पड़ा है वह लंबे समय तक रहेगा.
कांग्रेस महासचिव गुलामनबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन तथा जदयू के बागी नेता शरद यादव ने कुछ दिनों पहले संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की थी कि 18 विपक्षी दल आठ नवंबर को नोटबंदी के खिलाफ अपने अपने ढंग से विरोध प्रदर्शन करेंगे.
नोटबंदी एक बड़ा घोटाला है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नोटबंदी बड़ा घोटाला है और काले धन को सफेद में बदलने के निहित स्वार्थों के लिए इसका ऐलान किया गया था.
नोटबंदी को एक साल पूरा होने के मौके पर ममता का यह बयान आया. उन्होंने फेसबुक पर लिखा, नोटबंदी एक बड़ा घोटाला है. मैं फिर दोहराती हूं कि नोटबंदी बड़ा घोटाला है. अगर पूरी तरह जांच कराई जाती है तो यह साबित हो जाएगा.
ममता ने आरोप लगाया, नोटबंदी काले धन से लड़ने के लिए नहीं की गई थी. यह केवल सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के निहित स्वार्थों के लिए काले धन को सफेद में बदलने के लिए की गई थी.
उन्होंने कहा कि ना तो इससे विदेशों में जमा कालाधन लाया गया और ना ही इससे आतंकवाद से लड़ने में अथवा देश के विकास में मदद मिली. कुल मिलाकर राजनीतिक समझ से देखें तो यह एक शून्य है, बड़ा शून्य.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नोटबंदी की वजह से देश को करीब तीन लाख करोड़ रुपये की जीडीपी का नुकसान पहले ही हो चुका है. करोड़ों श्रमिक, खासतौर पर अनौपचारिक क्षेत्र के लोग अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं. किसानों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया गया. सौ से ज्यादा लोग मारे गए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)