श्रम सचिव एम. सत्यवती ने कहा, हर साल एक करोड़ युवा रोज़गार चाहने वालों में शामिल होते हैं. दुर्भाग्य से नौकरी पाने के लिए कई युवाओं में ज़रूरी कौशल नहीं होता.
नई दिल्ली: श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को कहा कि यदि हम रोजगार सृजन के कदम उठाने में असफल रहे तो भावी पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी.
उन्होंने कहा कि भारत में युवाओं की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा है और प्रत्येक युवा को रोजगार चाहिए. गंगवार ने कहा, यदि रोजगार सृजन की दिशा में तुरंत आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढियां हमें माफ नहीं करेंगी.
गंगवार ने नोएडा स्थित वीवी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान में रोजगार सृजन रणनीति पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
केंद्रीय श्रम मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, गंगवार ने कहा कि उनका मंत्रालय खुद सीधे तौर पर रोजगार सृजन नहीं करता है बल्कि नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए उपयुक्त माहौल बनाता है.
उन्होंने कहा कि कौशल विकास और रोजगार सृजन के मामले में सरकार सही दिशा में आगे बढ़ रही है. गंगवार ने अपने संबोधन में नोटबंदी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पिछले एक साल के दौरान कई बेहतर परिणाम सामने आए हैं. सरकार ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी.
गंगवार ने इस दौरान वीवी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान के चार प्रकाशनों को भी जारी किया और संस्थान के मरम्मत के बाद नए तैयार किए गए सेमिनार ब्लॉक का भी उद्घाटन किया.
सम्मेलन में श्रम सचिव एम सत्यवती ने कहा कि हर साल एक करोड़ युवा रोजगार चाहने वालों की दौड़ में शामिल हो जाते हैं. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य की बात है कि आज बाजार में नौकरी पाने के लिए कई युवाओं के पास जरूरी कौशल नहीं होता है. सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा, हाल में करीब 1.17 करोड़ युवाओं को विभिन्न प्रकार के कौशल में प्रशिक्षित किया गया और इन युवाओं को उद्योगों और संस्थानों में रोजगार दिलाने के लिए 920 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया.
सचिव ने महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दिए जाने संबंधी महत्वपूर्ण विधेयक के बारे में कहा कि कई नियोक्ता वेतन सहित 26 सप्ताह का अवकाश देने के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों को इस मुद्दे का समाधान बताना चाहिए.