चुनाव प्रचार अभियान में भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर निशाना साधा, जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भाजपा पर प्रहार किया.
शिमला: हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है. इस दौरान पहले दो घंटो में केवल 13.72 प्रतिशत मत पड़े हैं. राज्य में नौ नवंबर की सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ. चंबा के कई इलाकों और ग्रामीण इलाकों में पांच से 10 प्रतिशत मतदान हुआ.
शिमला जिले में 18 प्रतिशत मतदान हुआ, हमीरपुर में 17 प्रतिशत, चंबा में 12 प्रतिशत, कांगड़ा में 14 प्रतिशत, मंडी में 16 प्रतिशत, उना और बिलासपुर में 15 से 20 प्रतिशत और सोलन और सिरमौर में 18 से 20 प्रतिशत मतदान हुआ.
सिरमौर जिले से वीवीपीएटी की मशीनों में खराबी की रिपोर्ट आई और वहीं कई मतदान केंद्रों पर वोटिंग 15 से 20 मिनट की देरी से शुरू हुई. शिमला के कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में 22 प्रतिशत मतदान हुआ, शिमला ग्रामीण में 20 प्रतिशत, ठियोग में 19 प्रतिशत, रामपुर में 18 प्रतिशत और शिमला शहर और रोहडू में 16 प्रतिशत मतदान हुआ.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने रामपुर में अपना वोट डाला और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अपने परिवार के साथ समीरपुर में वोट डाला.
इस चुनाव में कुल 50,25,941 मतदाता मतदान के योग्य हैं. राज्य में 7,525 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और चुनाव ड्यूटी के लिए कुल 37,605 मतदानकर्मियों को तैनात किया गया है. सुरक्षा के लिए पुलिस एवं होमगार्ड के 17,850 कर्मियों के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 65 कंपनियां तैनात की गयी हैं.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, 10 मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य उम्मीदवार चुनावी मुकाबले में हैं.
हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए शुक्रवार सुबह मतदान शुरू हो गया जहां 62 विधायकों समेत कुल 337 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में भाजपा सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं . बसपा 42 सीट पर, इसके बाद माकपा 14 सीट पर, स्वाभिमान पार्टी और लोक गठबंधन पार्टी छह-छह सीटों पर और भाकपा तीन सीटों पर मैदान में है.
गुरुवार समाप्त हुए 12 दिन के सघन प्रचार अभियान में भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 450 से ज्यादा रैलियां कीं. भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने क्रमश: सात और छह रैलियों को संबोधित किया. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन रैलियों को संबोधित किया.
भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार अभियान में भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जमकर निशाना साधा जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भाजपा पर प्रहार किया. झांडुता एकमात्र ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां सीधा मुकाबला है, वहीं धर्मशाला में सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार मैदान में हैं.
भाजपा ने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा सहित चार पूर्व कांग्रेसियों को तथा चौपाल से एक निर्दलीय को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने पोंटा साहिब और कांगड़ा से दो निर्दलीय को उतारा है. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों ने अपनी सीट बदली हैं और वे अरकी एवं सुजानपुर से लड़ रहे हैं.
करसोग एससी से वर्ष 1967 में पहली बार चुने गए मुख्य संसदीय सचिव मनसा राम 11वीं बार चुनावी मैदान में हैं. चुनाव में कुल 19 महिलाएं भाग्य आजमा रही हैं. इनमें छह उम्मीदवारों को भाजपा ने टिकट दिया है और तीन को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा और कांग्रेस की सात बागी उम्मीदवार भी मैदान में हैं.
वर्तमान में राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के क्रमश: 35 और 28 विधायकों के अलावा चार निर्दलीय विधायक हैं और एक सीट खाली है.
चुनावों में 180 से ज्यादा निर्दलीय और पूर्व मंत्रियों सिंघी राम रामपुर एवं विजय सिंह मनकोटिया शाहपुर समेत कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा बागी मुकाबले में हैं.
पारदर्शी और निर्बाध चुनाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किये गए हैं । समूचे राज्य में 22 व्यय पर्यवेक्षक और 71 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 1561 माइक्रो पर्यवेक्षकों के साथ 193 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 789 सेक्टर ऑफिसर तैनात किये गए हैं.
राज्य में चुनावी गतिविधियों की सीधी निगरानी के लिए राज्य में 2,307 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग का इस्तेमाल किया जाएगा.
राज्य में 100 प्रतिशत फोटो पहचान पत्र ईपीआईसी धारक और 7,525 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें ईवीएम हैं. वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पहली बार विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है और 10 प्रतिशत ईवीएम और वीवीपीएटी को रिजर्व में रखा गया है. निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को 12 पहचान दस्तावेजों में से कोई भी एक दस्तावेज दिखाने पर मतदान करने भी अनुमति दी है.