बंदूक लाइसेंस देने के मामले में उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर देश में सबसे आगे

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, देश में सबसे अधिक बंदूक लाइसेंस धारकों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. इसके बाद जम्मू कश्मीर और पंजाब का स्थान है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: flickr)

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, देश में सबसे अधिक बंदूक लाइसेंस धारकों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. इसके बाद जम्मू कश्मीर और पंजाब का स्थान है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: flickr)

नई दिल्ली: देशभर में सबसे ज्यादा गन (बंदूक) लाइसेंस केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश ने जारी किए हैं.  द वायर के एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, इन राज्यों में लाइसेंसी बंदूकधारकों की संख्या भी सर्वाधिक है.

सबसे अधिक बंदूक लाइसेंस धारकों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. इसके बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और पंजाब का स्थान है.

आंकड़ों के मुताबिक, 2016 और 2023 के बीच की अवधि में जिन 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक बंदूक लाइसेंस जारी किए गए, वे जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, मणिपुर और नगालैंड हैं.

2016 में, जिन राज्यों में बंदूक लाइसेंस धारकों की संख्या सबसे अधिक थी, वे उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार और हिमाचल प्रदेश थे.

 

जम्मू कश्मीर

2018 में राजस्थान पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा की गई जांच के दौरान सामने आए बंदूक लाइसेंस रैकेट के बाद सूबे में बंदूक लाइसेंस जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो 2023 में हटाया गया.

जांच में सार्वजनिक अधिकारियों, विशेषकर कुछ आईएएस अधिकारियों की संलिप्तता का पता चला था.

इसके बावजूद 2016 और 2023 के बीच जारी किए गए बंदूक लाइसेंसों की संख्या- 1,30,914 में देश में अग्रणी है . ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लाइसेंस केवल 2016 से 2018 के बीच और फिर जनवरी 2023 से जून 2023 तक जारी किए गए.

दिसंबर 2016 के अंतिम उपलब्ध आंकड़ों – 3,69,191 की तुलना में अब यहां बंदूक लाइसेंस धारकों की कुल संख्या 5,00,105 है.

अक्टूबर 2020 में डेक्कन हेराल्ड ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि 2018 और 15 सितंबर, 2020 के बीच देश भर में 22,805 नए हथियार लाइसेंस जारी किए गए थे और जम्मू कश्मीर में 17,905 नए हथियार लाइसेंस जारी किए गए थे, जो 78.51% लाइसेंस थे.

यह आंकड़ा प्रतिबंध के बावजूद था.

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के कार्यालय में इस बाबत सवाल भेजे गए हैं, उनका जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर सर्वाधिक गन लाइसेंस वाला अकेला केंद्रशासित प्रदेश है, वहीं लक्षद्वीप में शून्य लाइसेंस धारक हैं.

अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़े निम्न हैं:

उत्तर प्रदेश

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 1,329,584 लाइसेंस धारक हैं. अंतिम उपलब्ध डेटा में यह संख्या 1,277,914 थी, जो  51,670 का अंतर दिखाता है.

योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में 51,670 लाइसेंस जारी किए गए, क्योंकि 2018 तक यूपी में भी लाइसेंस जारी करने पर प्रतिबंध लगा हुआ था. अक्टूबर 2013 में जस्टिस अब्दुल मतीन और जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना की इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक पीठ ने यह देखते हुए कि व्यक्तियों को जारी किए गए आर्म्स लाइसेंसों की संख्या राज्य पुलिस बल के पास मौजूद हथियारों की संख्या से पांच गुना अधिक थी, यह आदेश जारी किया था.

पीठ ने पाया कि राज्य में उस समय 2,13,000 कर्मियों का पुलिस बल था, 225,000 हथियारों से लैस था, जबकि राज्य सरकार ने प्रतिबंध के बाद भी 11.23 लाख हथियार लाइसेंस जारी किए थे. दिसंबर 2016 में संख्या फिर से बढ़कर 1,277,914 हो गई, जबकि अदालत ने नवंबर 2017 में प्रतिबंध हटा दिया गया था .

वर्तमान में राज्य में 2,50,000 पुलिसकर्मी हैं और राज्य में कुल 1,329,584 लाइसेंस जारी किए गए हैं.

पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर और यूपी जैसे इलाकों में हथियारों की बड़ी संख्या चिंताजनक है. वे सवाल करते हैं, ‘भाजपा सरकारें हमेशा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उनके नियंत्रण के बारे में बात करती हैं, फिर बंदूक लाइसेंस में इतनी बढ़ोतरी क्यों?’

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यूपी में 2021 में शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत 36,363 मामले दर्ज किए गए थे.

(इस पूरी रिपोर्ट को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)