आम आदमी पार्टी ने कहा, स्वतंत्र भारत में शायद यह पहली बार है, जब किसी पार्टी के चंदे को ग़ैरक़ानूनी बताया गया है. आप के दस रुपये से अधिक समूचे चंदे को कर के दायरे में शामिल किया गया है.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) को पिछले वित्तीय वर्ष में मिले चंदे को आयकर के दायरे में लाने के आयकर विभाग के आदेश को पार्टी ने बदले की भावना से की गई अप्रत्याशित कार्रवाई बताया है.
आप के कोषाध्यक्ष दीपक वाजपेयी ने सोमवार को आयकर विभाग के आदेश के हवाले से कहा कि पार्टी को वित्तीय वर्ष 2015-2016 में चंदे को आयकर के दायरे में बताते हुए इस पर कर अदायगी का नोटिस जारी किया गया है.
वाजपेयी ने इसे अभूतपूर्व घटना बताते हुए कहा स्वतंत्र भारत में शायद यह पहली बार हुआ होगा, जब किसी राजनीतिक दल के चंदे को गैरकानूनी बताते हुए करयोग्य आय बताया गया है. इसमें आप को दस रुपये से अधिक राशि के समूचे चंदे को कर के दायरे में शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा कि आप ने राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने की पहल को आगे बढ़ाते हुए अपने एक—एक पैसे के चंदे को पहले ही सार्वजनिक किया है. उन्होंने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा विरोध की प्रत्येक आवाज को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
आयकर विभाग के नोटिस में आप को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 34 बार समय देने के बावजूद कोई जवाब नहीं देने पर आयकर विभाग द्वारा 30 करोड़ रुपये का आयकर आंकलन करने के सवाल पर वाजपेयी ने कहा कि आप के पास चंदे की पूरी राशि का हिसाब है. चंदे का हिसाब सार्वजनिक भी किया गया है जो कि किसी अन्य राजनीतिक दल ने नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि यह मामला अर्धन्यायिक संस्था के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए इसका उपयुक्त जवाब पार्टी कानूनी तरीके से ही देगी. उन्होंने कहा कर्नाटक सहित देश के किसी भी हिस्से से किसी भी माध्यम से मिले दस रुपये तक के चंदे को नोटिस में कर योग्य राशि करार दिया है. यह अपने आप में अप्रत्याशित है और इससे स्पष्ट है कि यह बदले की भावना से की गयी दमनकारी कार्रवाई है.