रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर विरोधी 47 वर्षीय एलेक्सी नवेलनी का जेल में निधन हो गया है. पुतिन को वे देश में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दोषी बताते थे. उनकी मौत रूसी इतिहास में एक नया अध्याय है. देश ने अपना सबसे मज़बूत विपक्षी नेता खो दिया है, जो यह दिखाने में सक्षम था कि जेल से भी क्रेमलिन के ख़िलाफ़ खड़ा होना संभव है.
नई दिल्ली: रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर विरोधी एलेक्सी नवेलनी की साइबेरिया की जेल में 47 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई. नवेलनी एक ऐसे विपक्षी नेता थे, जो युवा रूसियों की एक पीढ़ी को संगठित करने में सक्षम थे. उन्होंने पुतिन के खिलाफ जारी अभियान का संचालन किया था. पुतिन को वे रूस में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दोषी बताते थे.
यह एक बराबर की लड़ाई नहीं थी और नवेलनी निश्चित तौर पर नुकसान में थे. हालांकि, वह अतीत के कई अन्य विपक्षी नेताओं की तुलना में कहीं अधिक हासिल कर पाए थे.
वह शर्मनाक खुलासे करके और अपनी ‘स्मार्ट वोटिंग’- जिसके बूते उन्होंने राष्ट्रपति की यूनाइटेड रशिया पार्टी को वोटों से वंचित करने का प्रयास किया था – रणनीति का उपयोग करके पुतिन की दुखती रग पर प्रहार करने में सक्षम थे,
क्रेमलिन को उनके द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा था, जिनमें हजारों लोग, कभी-कभी उससे भी अधिक लोग सड़कों पर उतर आए थे.
नोविचोक जहर
वर्ष 2020 में नवेलनी को नर्व एजेंट नोविचोक जहर दिए जाने की बात सामने आई, हालांकि वह बच गए. जर्मनी में जीवनरक्षक उपचार प्राप्त करने के बाद उन्होंने रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) और पुतिन पर अपनी हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था. जोखिमों के बावजूद, ठीक होने पर उन्होंने रूस लौटने का फैसला किया.
उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और जेल की सजा सुनाई गई. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंगामा मच गया. कुछ पर्यवेक्षकों ने तो उन्हें ‘रूसी नेल्सन मंडेला’ तक बता दिया. अन्य लोगों ने उन्हें रूसी परी कथाओं के उस योद्धा की तरह देखा, जो निडर और साहसी था और अपने जीवन को कुर्बान करने के लिए तैयार था.
पिछले दिसंबर में नवेलनी कई हफ्तों के लिए गायब हो गए थे. बाद में पता चला कि उन्हें साइबेरिया के सुदूर उत्तर में स्थित दंड शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था.
नवेलनी का मानना था कि रूसी अधिकारी मार्च में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्हें अलग-थलग करना चाहते हैं. इससे पहले, उन्होंने कैदी के रूप में अपने अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई थीं.
अंत तक, उन्होंने अदालत में अपनी पेशी का उपयोग पुतिन के सत्तावादी शासन और यूक्रेन मुद्दे पर उनकी तीखी आलोचना के लिए किया.
अंत में, नवेलनी को वीडियो पर भी अदालत में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी गई.
प्रांरभिक जीवन
नवेलनी का जन्म 1976 में मॉस्को के पास हुआ था. उनके पिता एक सेना अधिकारी थे और उनकी मां एक व्यवसायी महिला (बिजनेसवुमेन) थीं. उन्होंने कानून, प्रतिभूतियों तथा विनिमय का अध्ययन किया और वकील तथा व्यवसायी बन गए.
नवेलनी ने 20 साल की उम्र के मध्य में राजनीति में कदम रखा और वाम-उदारवादी याब्लोको पार्टी में शामिल हो गए, जिससे उन्हें 2007 में उनकी राष्ट्रवादी प्रवृत्ति और नेतृत्व के साथ विवाद के कारण निष्कासित कर दिया गया था.
यही वह समय था जब उन्होंने अपने सबसे विवादास्पद बयान दिए, जिसके कारण उन्हें विपक्ष के कई अन्य लोगों की सहानुभूति खोनी पड़ी और इसने अंत तक उनका पीछा नहीं छोड़ा.
वह धुर-दक्षिणपंथी नरोद (NAROD) आंदोलन (द पीपल) और रूसी मार्च में शामिल हो गए, जो देश में राष्ट्रवादी ताकतों को एक साथ लाता है और विशेष रूप से काकेशस के लोगों के प्रति अपने अप्रवासी विरोधी रुख और नस्लवादी रवैये के लिए कुख्यात है.
नवेलनी ने अपने पहले के बयानों से खुद को दूर करने की कोशिश की और जॉर्जियाई लोगों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों के लिए माफी भी मांगी, लेकिन उनकी माफी पूरी तरह आश्वस्त करने वाली नहीं थी.
भ्रष्टाचार विरोधी प्रचारक
वह अन्य कारणों से भी विवादास्पद थे. आत्म-प्रचार के प्रति उनकी प्रवृत्ति और कभी-कभी पत्रकारों के प्रति उनके अहंकार के कारण कुछ लोगों के लिए उन्हें एक नेता के रूप में स्वीकार करना कठिन हो जाता था.
लंबे समय तक उनकी राजनीति बेहद अस्पष्ट रही. जब उन्होंने अधिक न्यूनतम वेतन और स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर अधिक खर्च का वादा किया तो वे वामपंथ की ओर चले गए.
हालांकि, उनका असली जुनून भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई था, एक ऐसा विषय जिसके बारे में विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार रूसी लोगों में काफी आक्रोश था. उन्होंने एक ब्लॉगर के रूप में अपना नाम कमाया, ऑनलाइन रहस्योद्घाटन किए जिससे सैकड़ों हजारों, बाद में लाखों, सब्सक्राइबर बने और उनके दुश्मनों की संख्या बढ़ती गई.
उनके काम ने उनके भ्रष्टाचार विरोधी फाउंडेशन (एफबीके) – एक मीडिया आउटलेट जिसने रूसी अभिजात वर्ग के बीच भ्रष्टाचार की जांच और खुलासे करने वालीं डॉक्यूमेंट्री तैयार कीं – के लिए मार्ग प्रशस्त किया.
2021 की शुरुआत में ‘पुतिन्स पैलेस’ को ऑनलाइन पोस्ट करने के दो हफ्तों के भीतर ही इसे 100 मिलियन (10 करोड़) से अधिक बार देखा गया था, जिसमें काला सागर पर एक विशाल लग्जरी निवास दिखाया गया था, जिसे रूसी राष्ट्रपति के लिए बनाया गया माना जाता था.
पुतिन के रूस में मुख्यधारा के मीडिया आउटलेट्स तक उनकी पहुंच नहीं थी.
एक अपवाद को छोड़कर नवेलनी कानूनी तरीकों से राजनीति में प्रवेश नहीं कर पाए और उनकी पार्टी पंजीकृत नहीं थी. 2013 में उन्होंने मॉस्को के मेयर चुनाव में भाग लिया. लगभग एक तिहाई वोट हासिल करके वे दूसरे स्थान पर रहे. बाद में क्रेमलिन ने उन्हें राजनीति से दूर रखने के लिए हरसंभव प्रयास किया.
हास्य का सहारा
नवेलनी के चरित्र का एक पहलू जो सबसे अलग था, वह था उनका हास्य पैदा करते हुए अपनी बात कहना. उन्होंने अपने सभी वीडियो में और यहां तक कि अदालत कक्ष में भी चुटकुले बनाए, उन्हें पहले ही समझ आ गया था कि शुष्क राजनीतिक विश्लेषण के बजाय हास्य के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़ना आसान होगा.
हालांकि, युवा आबादी को लक्षित करके नवेलनी रूसी आबादी के एक बड़े हिस्से से अलग-थलग हो गए. उनके प्रशंसक अल्पसंख्यक सुशिक्षित शहरी मध्यम वर्ग से थे. वह वृद्ध आबादी के बड़े हिस्से तक नहीं पहुंच पाए, जिनमें से कई लोगों का मानना था कि सरकार का प्रोपेगेंडा उन्हें अपराधी और पश्चिम की कठपुतली के रूप में चित्रित करता है.
उनकी मौत रूसी इतिहास में एक नया अध्याय है. देश ने अपना सबसे मजबूत विपक्षी नेता खो दिया है, जो यह दिखाने में सक्षम था कि जेल से भी क्रेमलिन के खिलाफ खड़ा होना संभव है.
यह लेख मूल रूप से डीडब्ल्यू पर प्रकाशित हुआ था.