2008 में हुए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद ने कहा कि 2018 का आम चुनाव कश्मीर को समर्पित होगा.
लाहौर/नई दिल्ली: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद ने अपने संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के अधीन 2018 में पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव लड़ने की पुष्टि कर दी है. मिल्ली मुस्लिम लीग को अभी चुनाव आयोग में पंजीकृत किया जाना है.
लश्कर-ए-तैयबा को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से जमात-उद-दावा के नाम से सक्रिय संगठन ने वर्ष 2008 मुंबई आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए सईद ने कहा, ‘मिल्ली मुस्लिम लीग अगले साल आम चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है.’
चाउबुर्जी में जेयूडी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सईद ने का 2018 का आम चुनाव कश्मीरियों को समर्पित किया.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने जनवरी से नज़रबंद हाफ़िज़ सईद को 24 नवंबर को रिहा कर दिया था. आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है.
सितंबर में सईद जब लाहौर के एक घर में नज़रबंद था तो जेयूडी ने पहली बार राजनीति में कदम रखा और एनए-120 सीट से उपचुनाव लड़ा. जेयूडी ने शेख याकूब का समर्थन किया था, जिसने 6,000 मत हासिल किए थे.
पनामा पेपर्स मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को अयोग्य ठहराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के कदम के बाद से यह सीट खाली थी. इस सीट पर नवाज़ की पत्नी कुलसूम नवाज़ ने जीत हासिल की थी. आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के सरगना ने भारतीय सेना से कश्मीरियों की लड़ाई का समर्थन करने का संकल्प भी लिया.
सईद ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘मैं भारत को बताना चाहता हूं कि चाहे जितनी परेशानियां आएं, मैं कश्मीरियों का साथ देता रहूंगा. भारत हमें कश्मीरियों के लिए आवाज़ उठाने से रोकना चाहता है. वह पाकिस्तान सरकार पर दबाव बना रहा है. मैं पाकिस्तान को बताना चाहता हूं कि पर्दे के पीछे से जारी कूटनीति ने केवल कश्मीर के मुद्दे को नुकसान पहुंचाया है.’
उसने कहा कि पाकिस्तान में उसको और भारत में हुर्रियत नेताओं को नज़रबंदी में रखना अंतरराष्ट्रीय एजेंडे का ही हिस्सा है.
सईद ने चेताया कि यह कश्मीर को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया. भारत मेरी नज़रबंदी से हुई रिहाई से नाराज़ है. मैं भारत को चेतावनी देता हूं कि अगर उसने कश्मीरियों के खिलाफ अत्याचार नहीं रोके तो यह संघर्ष और बढ़ेगा और जिसके परिणाम उसे भुगतने होंगे.