पंजाब: मोदी की रैलियों के दौरान किसानों को छापेमारी, नज़रबंदी और हिरासत का सामना करना पड़ा

लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दिन सुबह से ही राज्य पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने गुरदासपुर, जालंधर, अमृतसर, कपूरथला, नवांशहर और फरीदकोट जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मज़दूर मोर्चा के किसान नेताओं के घरों पर पहुंचना शुरू कर दिया था. 

पंजाब के जालंधर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: X/@narendramodi)

नई दिल्ली:  किसान यूनियन के नेताओं की गिरफ्तारी, नजरबंदी और उन्हें हिरासत में लिए जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के गुरदासपुर और जालंधर लोकसभा क्षेत्रों में अपनी चुनावी रैलियों के दूसरे दिन का समापन किया और मतदाताओं से उनकी सरकार को रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में लाने की अपील की. पंजाब में 1 जून को सभी सीटों पर मतदान होना है.

किसान काले झंडे तथा अपनी यूनियन के झंडे थामे हुए चिलचिलाती गर्मी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के विरोध में राजमार्गों पर प्रदर्शन कर रहे थे. रैली के दिन सुबह से ही पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों ने गुरदासपुर, जालंधर, अमृतसर, कपूरथला, नवांशहर और फरीदकोट जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर मोर्चा के किसान नेताओं के घरों पर पहुंचना शुरू कर दिया था.  रैली स्थलों तक पहुंचने से रोकने के लिए कई किसानों को घर में नजरबंद कर दिया गया, जबकि कई अन्य को हिरासत में ले लिया गया.

किसान रैली स्थल तक न पहुंच पाएं, इसके लिए पुलिस द्वारा कई अन्य इंतजाम भी किए गए.

पीएम ने गुरदासपुर में अपने संबोधन के दौरान केवल एक बार किसानों का उल्लेख किया. वहीं, जालंधर में किसानों के बारे में उन्होंने कोई बात नहीं की.

गुरदासपुर में किसानों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने पंजाब से गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीद की है. कांग्रेस की तुलना में, उनकी सरकार ने इन फसलों के एमएसपी में 2.5% की वृद्धि की है. किसानों के बीज और उर्वरक की जरूरतों को पूरा करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की, जिसके तहत उनकी सरकार ने किसानों के खातों में 30,000 रुपये भी ट्रांसफर किए.

पीएम मोदी ने पंजाब के किसानों से बाजरा की खेती पर जोर देने को कहा ताकि बाजरा पूरी दुनिया में मशहूर हो जाए.

गुरदासपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के उम्मीदवारों – गुरदासपुर से दिनेश कुमार बब्बू, होशियारपुर से अनीता सोम प्रकाश और अमृतसर से तरनजीत सिंह संधू – के लिए चुनावी रैली की.

वहीं, जालंधर में पीएम ने जालंधर से उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू, लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू, फिरोजपुर से राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी और खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से मंजीत सिंह मन्ना के लिए वोट मांगे.

पीएम मोदी ने कांग्रेस-आप की राजनीति पर भी निशाना साधा और कहा कि वे पंजाब में एक-दूसरे का विरोध कर रहे हैं लेकिन दिल्ली में एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आप (आम आदमी पार्टी) ने कांग्रेस से आपातकाल का पाठ भी अच्छे से सीख लिया है, इसलिए जो मीडिया हाउस इनके आगे झुक नहीं रहा उस पर मुक़दमे करवा रहे हैं,  कांग्रेस और आप दोनों एक-दूसरे की फोटोकॉपी हैं.’

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पंजाब ड्रग्स की चपेट में आ चुका है. आम आदमी पार्टी पर इसके लिए निशाना साधते हुए कहा, ‘आम आदमी पार्टी ने दो महीने में पंजाब से नशे के कारोबार को बंद करने को कहा था, लेकिन आज ड्रग्स डीलरों को पंजाब में फ्री का लाइसेंस मिला हुआ है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पंजाब के लोग समझ गए हैं कि झाड़ू पार्टी वाले खुद नशे के होलसेल व्यापारी हैं, जिन्होंने इतना बड़ा शराब घोटाला किया हो, वो पंजाब में ड्रग्स की काली कमाई में डुबकी कैसे नहीं लगाएंगे.’

प्रधानमंत्री मोदी के ‘कृषि प्रधान राज्य’ पंजाब दौरे पर सवाल उठाते हुए किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के समन्वयक और किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर ने प्रेस को जारी किए गए बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री को मतदाताओं को बताना चाहिए कि पिछले किसान आंदोलन की मांगों को वो क्यों लागू नहीं करते, जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया था? 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने वादे अनुसार उन्होंने एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को क्यों लागू नहीं किया?’

किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि जिस तरह से किसानों को प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करने से रोका गया, उससे इस बात पर मुहर लग गई है कि भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोकतंत्रों की सूची में सबसे निचले पायदान पर क्यों है. उन्होंने कहा, ‘वे बड़े पैमाने पर रैली के दौरान समर्थन दिखाने के लिए दूसरे राज्यों से लोगों को बसों में ला रहे थे, लेकिन पंजाब के लोगों को नफरत की राजनीति पसंद नहीं है.’

द वायर से बात करते हुए सरवन पंढेर ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘किसानों पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण विरोधाभासी हैं. देश में करीब 80 से 100 करोड़ किसान और खेतिहर मजदूर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया और सब कुछ कॉरपोरेट्स को दे दिया. उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया. इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमने 28 मई को पंजाब में भाजपा उम्मीदवारों के आवासों का घेराव करने का फैसला किया है.’

पंढेर ने यह भी कहा कि किसान नेताओं ने भाजपा की पंजाब इकाई और पंजाब पुलिस अधिकारियों से प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात करवाने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे थे, न कि उनकी चुनावी रैलियों को रोकने या बाधित करने.’

सरवन सिंह पंढेर, सुखजीत सिंह हरदोझंडे और सुखदेव सिंह भोजराज, विभिन्न किसान यूनियनों के साथ अपनी लंबित मांगों को लेकर पीएम मोदी से सवाल करने के लिए गुरदासपुर-अमृतसर रोड पर एकत्र हुए थे, लेकिन उन्हें गुरदासपुर के बाबरी चौक पर तैनात भारी पुलिस बल द्वारा रोक दिया गया, बाद में किसानों ने वहां शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया.

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता रमिंदर सिंह पटियाला ने इन घटनाक्रमों की निंदा करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की नैतिक हार को दर्शाता है. उन्होंने कहा ‘भाजपा को उत्पीड़न की राजनीति के चुनावी परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.’ सिंह ने आरोप लगाया कि हाउस अरेस्ट और नजरबंदी के अलावा, जालंधर में हमारे कीर्ति किसान यूनियन के कार्यालय को भी पुलिस ने सील कर दिया था.’

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