हमारी प्राथमिकता अमेठी के विकास और जनता को उत्पीड़न से निजात दिलाने की है: केएल शर्मा

साक्षात्कार: अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रही है, जहां से इस बार पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ स्थानीय नेता किशोरी लाल शर्मा को अप्रत्याशित उम्मीदवार के तौर पर उतारा था. शर्मा कहते हैं कि चुनाव जनता ने लड़ा था और जीत पार्टी की नहीं जनता की हुई है.

अमेठी लोकसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान किशोरी लाल शर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक/@Kishori Lal Sharma)

अमेठी लंबे समय से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गढ़ रहा है. नेहरू-गांधी परिवार के साथ इसके संबंधों ने इसे भारतीय राजनीति का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है. 1980 के दशक की शुरुआत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और उनके असामयिक निधन के बाद राजीव गांधी इस क्षेत्र से उतरे और 1991 तक इस सीट से चुनाव जीतते रहे.

1991 में उनकी हत्या के बाद सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी ने इस विरासत को पुनर्जीवित किया. सोनिया गांधी 1999 में यहां से सांसद हुईं. 2004 में वे रायबरेली सीट पर चली गईं और राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़कर सांसद बने. राहुल गांधी ने 2009 और 2014 चुनावों में जीत हासिल कर अमेठी पर अपने परिवार का प्रभुत्व बनाए रखा.

एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव का संकेत देते हुए भारतीय जनता पार्टी की नेता स्मृति ईरानी ने 2019 के चुनावों में राहुल गांधी को 55,120 वोटों के अंतर से हरा दिया. इसके बाद हालिया चुनावों में कांग्रेस के नेता किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को 1,67,196 वोटों के अंतर से हराकर पार्टी के लिए सीट फिर से जीत ली.

किशोरी लाल शर्मा ने चुनाव परिणामों और उनके महत्व द वायर से बात की. उस बातचीत के मुख्य अंश.

आपकी उम्मीदवारी ने कई लोगों को, यहां तक कि आपको भी आश्चर्यचकित कर दिया. आपकी प्रतिक्रिया क्या थी?

कांग्रेस हाईकमान के आदेश पर पहली बार सीधे चुनाव मैदान में उतरना पड़ा. चुनाव में सफलता से नई ऊर्जा महसूस कर रहा हूं. अमेठी से चुनाव लड़ने के आदेश पर हम आश्चर्यचकित जरूर थे लेकिन आशंकित नहीं. क्योंकि राहुल जी और प्रियंका जी ने साफ तौर पर कहा था कि आपसे अच्छा परिवार का भरोसेमंद कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है क्योंकि आपने 40 साल तक अमेठी के लोगों की सेवा की है.

स्मृति ईरानी एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी थीं, केंद्र में मंत्री थीं, 2019 का चुनाव राहुल गांधी से जीतीं, ऐसे में लड़ाई कठिन रही होगी?

स्मृति ईरानी के सामने चुनाव लड़ना एक तरह का चैलेंज था लेकिन गांधी परिवार का अमेठी से चार दशक से अधिक पुराना नाता और स्व. राजीव जी एवं राहुल जी द्वारा अमेठी में कराए गए विकास कार्यों की नींव बहुत मजबूत है. मजबूत नींव पर घर बनाना आसान होता है. मेरी जीत का सबसे बड़ा कारण यही रहा. इसके अलावा पांच साल में अमेठी के आम लोगों के साथ जो छलावा हुआ, उससे अमेठी के लोग नाराज थे. उसका भी लाभ हमें मिला.

कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली से बहुत अंत में प्रत्याशी घोषित किए, जब अमेठी से राहुल गांधी की जगह आप का नाम आया तो लोगों ने ये भी कहना शुरू किया कि राहुल गांधी 2019 की हार के कारण दोबारा अमेठी से नहीं लड़ना चाह रहे थे.

रायबरेली-अमेठी से गांधी परिवार का 103 वर्ष पुराना नाता है. यहां निर्णय में देरी और जल्दी का कोई सवाल गांधी परिवार और आम लोगों के बीच नहीं खड़ा होता. कांग्रेस द्वारा उचित समय पर निर्णय लिया गया और रायबरेली-अमेठी की जनता ने उस पर मोहर लगाकर और भारी मतों के अंतर से जिताकर उस निर्णय को सही साबित कर दिया है. यह कहना गलत है कि 2019 की हार के कारण राहुल जी अमेठी नहीं लड़े. अगर यह कारण होता तो हमें अमेठी में इतने भारी मतों से जीत कैसे मिलती?

आपका चुनाव प्रचार अभियान किन मुद्दों पर केंद्रित था?

हमने केवल उन विकास कार्यों की बात की जो अमेठी को प्रगति पथ पर आगे लेकर गए. राजीव गांधी जी, सोनिया जी और राहुल गांधी जी के पारिवारिक रिश्ते को ही प्रचार अभियान के केंद्र में रखा. जनता ने इन बातों को गंभीरता से सुना और अपने पिछले निर्णय पर अफसोस जताते हुए कांग्रेस को विजय दिलाई. यह हमारी और कांग्रेस की नहीं, अमेठी की जनता की जीत है. जनता ने ही हमारा चुनाव लड़ा.

अमेठी ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस पार्टी के लिए एक अलग महत्व रखता है. आप इस विरासत को कैसे बनाए रखेंगे?

गांधी परिवार ने कई दशकों से अमेठी की चिंता की है,अमेठी को विकास के कई पायदान पर ऊपर चढ़ाया है. राहुल गांधी जी ने चुनाव सभा में अमेठी के लोगों को आश्वस्त किया था कि रायबरेली में जितना विकास होगा, उतना विकास अमेठी में होगा. अभी हाल ही में हुई आभार सभा में भी राहुल जी ने यही कहा. जब राहुल जी रायबरेली के सांसद चुने जाने के बाद भी अमेठी के लिए इतना चिंतित हैं तो मैं समझता हूं कि मुझे ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है.

हमारी तात्कालिक प्राथमिकता अमेठी के विकास और आम जनता को उत्पीड़न से निजात दिलाने की है. अधिकारियों पर विकास कार्य को समय से पूरा करने का दबाव बनाए रहेंगे.

विकास पहलों में स्थानीय लोगों को कैसे शामिल करेंगे? यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी आवाज़ सुनी जाए?

हमने राजीव गांधी जी के समय में भी देखा है और राहुल जी के समय में भी कि विकास के हर काम में पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित रही है. विकास कार्यों में क्षेत्रीय संतुलन भी राजीव जी, सोनिया जी और राहुल जी ने बनाए रखा था. जनता की राय और समस्याओं के आधार पर विकास के कार्य वैसे ही कराए जाते रहेंगे, जैसे कराए जाते रहे हैं. आगे भी इसी तरह की नीति पर काम करते रहेंगे.

अमेठी के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य क्या हैं? कोई विशिष्ट नीति या परियोजना? 

अमेठी में हमारी भूमिका भले नई हो लेकिन सेवा का भाव पुराना ही रहेगा. उस भाव को प्रभावी ढंग से हमें लागू करना है ताकि गांधी परिवार और अमेठी के बीच रिश्ते की पुरानी पवित्र परंपरा कायम रहे. मैं अमेठी के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अगर सरकारों ने अड़ंगे नहीं लगाए तो भविष्य में भी राहुल जी और प्रियंका जी के आशीर्वाद से अमेठी के विकास की सुंदर इबारत लिखी जाएगी.

जहां तक नीति की बात है तो नीति वही विशिष्ट होती है जो जनता के माध्यम से बनती है. अमेठी की जनता ही नीति निर्माता है. हम उस पर केवल अमल करने वाले लोग हैं. जब जनता अपनी नीति पर खुद बनाती है, तब जीवन अपने आप बेहतर बनने लगता है.

केंद्र और राज्य- दोनों जगह भाजपा की सरकार है, ऐसे में सरकार से मिलने वाले सहयोग या अपना काम करवाने में आ सकने वाली मुश्किलों को लेकर क्या सोचते हैं?

आपकी यह बात सही है कि केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं है लेकिन सरकार का दायित्व होता है. जनप्रतिनिधि होने के नाते हम केंद्र और राज्य सरकारों से इन सरकारों के अधिकारियों से अपनी योजनाओं परियोजनाओं पर चर्चा करके अमेठी को तरक्की की तरफ ले जाएंगे. जनता के भरोसे को हम टूटने नहीं देंगे. अगर विधायकों ने विकास के कार्यों में रुचि नहीं ली या अड़ंगे लगाए तो जनता खुद ही जवाब देगी. जैसा आपने लोकसभा चुनाव में देखा.

पिछली सांसद स्मृति ईरानी ने अमेठी में कई परियोजनाएं शुरू की थीं. क्या आप उन्हें जारी रखने की योजना बना रहे हैं?

ऐसी योजनाओं और परियोजनाओं की हम निश्चित रूप से समीक्षा करेंगे. जनहित में ऐसी परियोजनाओं के लिए हर स्तर पर पहल कर उन्हें पूर्ण कराने की कोशिश करेंगे.

यह जीत राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के लिए क्या मायने रखती है?

यह देखना और उसका विश्लेषण करना आप पत्रकारों का काम है. हमने एक साधारण कार्यकर्ता की तरह गांधी परिवार के आदेश का पालन किया है और अमेठी की सम्मानित जनता ने एक जिम्मेदारी सौंपी है. अमेठी में गांधी परिवार के प्रति भरोसे को बढ़ाना ही हमारा मुख्य कार्य होगा और गांधी परिवार का एक ही उद्देश्य है अपनी अमेठी का विकास.

(सैयद कामरान स्वतंत्र पत्रकार हैं.)