भारत के एक हिंदू पाकिस्तान बनने की शुरुआत है अफ़राज़ुल हत्याकांड

हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.

//
Parliament Aliza Bakht The Wire इलस्ट्रेशन: एलिज़ा बख़्त
(इलस्ट्रेशन: एलिज़ा बख़्त)

हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं. इन ब्रेनवॉश किए हुए लोगों के ज़रिये दंगे और सामूहिक बलात्कार करवाए जाते हैं.

Parliament Aliza Bakht The Wire इलस्ट्रेशन: एलिज़ा बख़्त
इलस्ट्रेशन: एलिज़ा बख़्त

राजस्थान के राजसमंद ज़िले में 6 दिसंबर 2017 को शंभू लाल रैगर उर्फ शंभू भवानी नामक हत्यारे ने मोहम्मद अफ़राज़ुल नाम के 50 वर्षीय प्रवासी मज़दूर की लव जिहाद के नाम पर निर्मम हत्या कर दी और उसके शव को पेट्रोल डालकर जला भी दिया.

इस बेरहम कत्ल का कातिल ने लाइव वीडियो भी बनवाया और उसे सोशल मीडिया पर जारी करके नफरत की आग को भड़काने की भी कोशिश की.

पुलिस ने शंभू रैगर नामक दुर्दान्त हत्यारे और घटना का वीडियो बनाने वाले उसके नाबालिग भांजे को गिरफ्तार कर लिया है.

इस भयानक हादसे का वीडियो देख कर हर अमनपसंद नागरिक की रूह कांप उठी. चारों तरफ इस कत्ल की कड़ी भर्त्सना की जा रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर मौजूद उग्र हिंदुत्व के पैरोकारों ने कातिल के इस गैर मानवीय काम का न केवल समर्थन किया है, बल्कि उसे लव जिहादियों को सबक सिखाने वाले धर्मरक्षक योद्धा के रूप में स्थापित करने का प्रयास भी किया जा रहा है.

चूंकि हत्यारा अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता है, इसलिए दलित समुदाय में भी इसकी व्यापक प्रतिक्रिया हुई है. इसकी कड़ी भर्त्सना की जा रही है.

एक निरपराध नागरिक की इस तरह से की गई हत्या उस विचारधारा और समूह की योजना है जो हत्या को बहादुरी और मर्दानगी मानते हुए लोगों को हत्याओं के लिए उकसाते हैं.

यह इंसानियत और भारतीय संविधान पर एक प्रहार तो है ही, यह हिंदू धर्म को धर्मयुद्ध के क्षेत्र में ले जाने का प्रयास भी है, जहां किसी और धर्म और उसको मानने वाले व्यक्ति एक ख़तरनाक शत्रु बना दिए जाते है.

यह उस सभ्यता बोध के भी विपरीत है जो प्राणी मात्र में सद्भाव की वकालत करती है. इसे आईएसआईएस और तालिबान जैसी हरकत कहा जा सकता है.

यह भारत के एक हिंदू पाकिस्तान बनने की शुरुआत है. हत्याओं का यह सिलसिला कहीं रुकने वाला नहीं है. यह आगे जाएगा और अंततः हिंदू-हिंदू को ही मारेगा. हिंदू धर्म ही इसका शिकार होगा.

मारने वाले की कोई रंजिश नहीं थी, लेन-देन का झगड़ा नहीं था. वे पड़ोसी नहीं थे. मृतक अफ़राज़ुल ने हत्यारे शंभू के परिवार की किसी महिला से कोई छेड़छाड़ नहीं की, न ही किसी से विवाह किया. लव जिहाद और प्रेम प्रसंग जैसा कोई मामला नहीं है.

यहां तक कि किसी भी वीडियो में हत्यारा मारे गए अफ़राज़ुल का नाम तक नहीं लेता है. शायद वह उसको जानता तक नहीं, पर उसे यह पता है कि जिसे वह मार रहा है वो मुसलमान है.

जो लोग हत्यारे शंभू रैगर को जानते हैं, वो बताते हैं कि हत्यारा गंजेड़ी था. कोई काम नहीं करता था. साथ ही उसे हिंदुत्व के वीडियो देखना बहुत पसंद था. वह सोशल मीडिया पर भी हिंदुत्ववादी पोस्ट्स पसंद करता था.

उसने कुल पांच वीडियो जारी किए, जिनमें से 3 हत्या से एक दिन पहले रिकॉर्ड किए गए, एक हत्या के दौरान और एक हत्या के बाद किया गया.

उसने तीन पेज का एक पत्र भी अपनी हस्तलिपि में जारी किया, जिसकी लिपि देवनागरी है, मगर भाषा अंग्रेज़ी जबकि वह सिर्फ 10 वीं पढ़ा हुआ है, ठीक से अंग्रेज़ी का एक वाक्य भी लिख-बोल नहीं सकता.

पुलिस कह रही है कि हत्यारे का किसी भी दक्षिणपंथी समूह से कोई जुड़ाव होने के सबूत नहीं है. वह संघ विचारधारा के किसी संगठन से नहीं जुड़ा है इसलिए इसे हिंदू चरमपंथ से भी नहीं जोड़ा जा सकता है, लेकिन हत्यारे की भाषा-शैली, भाव-भंगिमा और कुतर्क सब उसी हिंदुत्व की विचारधारा से ही प्रेरित मालूम पड़ते हैं.

अब सिर्फ पार्क में लगने वाली शाखा ही शाखा नहीं होती बल्कि वॉट्सऐप पर भी शाखाएं लगती है. अब इंटरनेट पर कट्टर हिंदू बनाने का उपक्रम भी बहुत नियोजित तरीके से किया जा रहा है.

यह घातक किस्म के हिंदुत्व का वैचारिक आतंकवाद है, जो लोगों के मन-मस्तिष्क में ज़हर की तरह घुसपैठ कर चुका है.

इसके लिए सीधे तौर पर किसी भी संघी संगठन का कैडर बनने की ज़रूरत नहीं है. इसके लिए लोगों को सोशल मीडिया के ज़रिये मुस्लिम विरोधी कट्टर ही नहीं बल्कि कट्टरतम हिंदू बनाने का काम बाबरी मस्जिद गिराने के वक़्त से तेज़ी से चलाया जा रहा है.

जिस तरह दुनिया की तमाम कट्टरपंथी विचारधारा के चरमपंथी तत्व बेरोज़गार, अल्पशिक्षित और महत्वाकांक्षी युवाओं को भर्ती करके ब्रेनवॉश करते हैं, ठीक वैसा ही काम भारत में राष्ट्रवाद, देशभक्ति के खोल में हिंदूवादी समूह करते रहे हैं.

ये लोग हिंसक गतिविधियों के लिए क़र्ज़दार और नशे के आदी लोगों को पकड़ते है और उनके ज़रिये अपने एजेंडे को आगे बढ़ाते है.

अफ़राज़ुल का हत्यारा शंभू रैगर भी इसी तालिबानी और हिंदुत्व की विचारधारा द्वारा तैयार मानव बम है. हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.

इन ब्रेनवॉश किए हुए लोगों के ज़रिये दंगे कराए जाते हैं, सामूहिक बलात्कार करवाए जाते हैं. भिन्न समुदायों के मकान दुकानें जलवाई जाती हैं. ये लोग इसी प्रकार की आतंकी कार्य के लिए काम करते हैं.

हत्यारा अपने वीडियो में जो भाषा बोलता है, वह नागपुर से लेकर लाल किले की प्राचीर तक से बोली जा रही है. हत्यारा बाबरी मस्जिद ढहाने का दिन इस हत्या के लिए चुनता है, जिस दिन हिंदुत्ववादी संगठन शौर्य दिवस मना रहे थे.

वह नकली करेंसी से भारतीय अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने की बात करता है. वह धारा 370 के ख़ात्मे की मांग करता है.

वह इस्लामिक जिहाद की बात कहता है. वह पाकिस्तान का ज़िक्र करता है. वह आरक्षण को हिंदू समाज को बांटने वाला बताता है.

वह लव जिहाद की बात करता है. वह भारत को मां भारती बोलता है. वह राम मंदिर शीघ्र बनाने की मांग करता है.

उसके पीछे संघ की शाखाओं, कार्यालयों तथा कार्यक्रमों में लहराने वाला भगवा ध्वज लहराता है. वह माथे पर चंदन का टीका लगाए नज़र आता है.

उसका पहनावा-बोली-हावभाव-बातें सब संघी हैं फिर भी वह हिंदू आतंकी नहीं कहा जा रहा है जबकि ऐसी ही निर्मम हत्याओं के वीडियो जारी करने पर तालिबान और आईएसआईएस को बर्बर, कबीलाई, मध्ययुगीन मानसिकता के आतंकी, इस्लामी जिहादी कहकर रात-दिन कोसने का काम भारत के हिंदुत्ववादी करते रहते है.

राजसमंद में घटी घटना न लव जिहाद है और न ही ऑनर किलिंग, यह किसी रंजिश का भी नतीजा नहीं है. इसे एक गंजेड़ी सिरफिरे की सनक कहकर भी हल्का नहीं किया जा सकता है. यह स्पष्ट रूप से आतंकवाद है.

यह दशकों से जारी एक विषैली उग्रवादी विचारधारा का परिणाम है जो महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के कृत्य को न केवल प्रशंसित करती है बल्कि उक्त बेरहम हत्यारे के मंदिर बनाकर उसकी पूजा तक करने से परहेज़ नहीं करती है.

ऐसे आतंकवाद को खाद-पानी देने का काम लंबे समय से जारी है. सांसद फूलन देवी के दुर्दांत हत्यारे शेरसिंह राणा को राष्ट्रनायक बना दिया जाता है. ग्राहम स्टेन्स और उनके दो मासूम बच्चों को ज़िंदा जला देने वाले दारा सिंह को हिंदू हृदय सम्राट बना दिया जाता है.

जयपुर से गाय ले जा रहे हरियाणा नूह के पशुपालक पहलू ख़ान के हत्यारों से भाजपा संघ की नेता कमल दीदी जेल में जाकर मिलती हैं और उनको भगत सिंह का दर्जा देती हैं.

हत्यारों को हिंदू हृदय सम्राट और राष्ट्रनायक का दर्जा पाते देखकर लोग इस प्रकार की हिंसा करने की प्रेरणा पाते हैं और शंभू रैगर जैसे बेरहम हत्यारे बन जाते है.

हिंदुत्व का आतंक आज की सच्चाई है. हिंदुओं का बड़े पैमाने पर विषकरण जारी है. उन्हें आतातायी, हिंसक और क्रूर हत्यारे बनने के लिए शारीरिक और वैचारिक दोनों तरह के प्रशिक्षण व ख़ुराक दी जा रही है.

अफ़राज़ुल की निर्मम हत्या पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अफसोस जताया और कठोर कार्रवाई की बात कही है, लेकिन वे इस प्रकार की हिंसा करने वालों के ख़िलाफ़ करती कुछ नहीं हैं.

बिरलोका के गफूर ख़ान, नूह के पहलू ख़ान, प्रतापगढ़ के ज़फ़र ख़ान के मामलों में वसुधंरा राजे की भाजपा सरकार ने कड़ी कार्रवाई की होती तो अफ़राज़ुल के हत्यारे को ऐसा करने का हौसला नहीं मिलता.

सरकार की यह ज़िम्मेदारी तो बनती ही है कि वह समाज मे नफरत फैलाने वाले संगठनों को रोके लेकिन सब जानते हैं कि आज भाजपा सत्ता में इन्हीं विष फैलाने वाले समूहों के दम पर और हिंदुत्व के ही सहारे चुनाव लड़ती है.

उसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और घृणा का फायदा मिल रहा है, तो आम भारतीयों एवं हिंदुओं को अपना धर्म इन फिरकापरस्त लोगों से बचाना पड़ेगा.

आतंकवाद की इस प्रयोगशाला में दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय के युवाओं का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है.

उन्हें हिंदू वीर और धर्म योद्धाओं के रूप स्थापित किया जा रहा है. इतिहास के पुनर्लेखन के ज़रिये दलित, अछूत वर्ग की बदहाली का ज़िम्मेदार मुग़ल, यवन, तुर्क, मुसलमान बताया जा रहा है.

उन्हें एक-दूसरे के ख़िलाफ़ इस तरह खड़ा किया जा रहा है कि वे सदियों तक बैरभाव से रहें. आतंकवाद की यह परियोजना बहुजन युवाओं को आत्मघात के रास्ते पर ले जा रही है. इसका अंतिम परिणाम ख़ुद गुलामी के लिए अपने को सौंप देना है.

संपूर्ण दलित चेतना को पलट देने की संघी साज़िश अब सफलता की तरफ जाती प्रतीत हो रही है. दलितों, पिछड़ों और आदिवासी युवाओं के दिल-दिमाग में यह बिठा दिया गया है कि उनके सबसे बड़े दुश्मन मुसलमान है इसलिए ये नए धर्मरक्षक अब अफ़राज़ुल जैसे निर्दोषों का ख़ून बहा रहे हैं.

अंततः इस तरह का यह आतंकवाद स्वभक्षी स्वरूप ग्रहण करके इस देश और हिंदू धर्म का ही शिकार कर लेगा.

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50