ईंधन, सब्जियों तथा अंडों के दाम बढ़ने से नवंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.88 प्रतिशत पर पहुंच गई.
नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था अभी तक पूरी तरह सुस्ती के रुख से उबर नहीं पाई है. ईंधन, सब्जियों तथा अंडों के दाम बढ़ने से नवंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.88 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका 15 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है.
वहीं खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से अक्तूबर महीने की औद्यागिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर घटकर 2.2 प्रतिशत पर आ गई है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को दोनों आंकड़े जारी किए.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में 3.58 प्रतिशत पर थी. एक साल पहले नवंबर में यह 3.63 प्रतिशत थी. इससे पहले पिछले साल अगस्त में यह 5.05 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी.
वहीं औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अक्तूबर में घटकर 2.2 प्रतिशत पर आ गई. यह तीन महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि का न्यूनतम स्तर है. पिछले साल अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 4.2 प्रतिशत थी. इस साल सितंबर में यह 4.14 प्रतिशत थी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था कि जुलाई-सितंबर में वृद्धि दर में सुधार के बाद पिछली कुछ तिमाहियों से वृद्धि में गिरावट का सिलसिला रुका है. जुलाई सितंबर की तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही है जो इससे पिछली तिमाही में 5.7 प्रतिशत के तीन साल के निचले स्तर पर आ गई थी.
आंकड़ों के अनुसार, प्रोटीन वाले उत्पादों मसलन अंडों के दाम नवंबर में सालाना आधार पर 7.95 प्रतिशत बढ़े. इससे पिछले महीने अंडे की महंगाई 0.69 प्रतिशत थी. कुल मिलाकर खाद्य खंड में नवंबर में मुद्रास्फीति 4.42 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 1.9 प्रतिशत थी.
ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति 7.92 प्रतिशत रही, जो अक्तूबर में 6.36 प्रतिशत थी. नवंबर में सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 22.48 प्रतिशत बढ़े. अक्तूबर में यह 7.47 प्रतिशत ऊंचे थे. हालांकि, दलहन दामों में गिरावट का सिलसिला जारी है. नवंबर में दालों के दाम सालाना आधार पर 23.53 प्रतिशत घट गए.
वहीं चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्तूबर की सात माह की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर महज 2.5 प्रतिशत रही है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में औद्योगिक वृद्धि 5.5 प्रतिशत थी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्तूबर में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इस इसी माह इस क्षेत्र की वृद्धि 4.8 प्रतिशत थी. आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का भारांक 77.63 प्रतिशत है.
अप्रैल-अक्तूबर 2017-18 के सात माह के दौरान विनिर्माण क्षेत्र पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 5.9 प्रतिशत की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सका.
अक्तूबर में टिका उपभोक्ता सामान उद्योग के उत्पादन में 6.9 प्रतिशत की गिरावट दिखी. पिछले वित्त वर्ष इसी महीने इस क्षेत्र में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में इस क्षेत्र में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आयी है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह उद्योग छह प्रतिशत बढ़ा था.
विद्युत उत्पादन अक्तूबर में सालाना आधार पर 3.2 प्रतिशत अधिक रहा. एक साल पहले इसी माह बिजली उत्पादन वृद्धि तीन प्रतिशत थी. खनन क्षेत्र की गतिविधियों की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के अक्तूबर में के एक प्रतिशत रही. उसकी तुलना में इस बार अक्तूबर में खनन क्षेत्र 0.2 प्रतिशत संकुचित हुआ.
अक्तूबर 2017 में प्राथमिक वस्तु उद्योग की वृद्धि 2.5 प्रतिशत, पूंजीगत वस्तु क्षेत्र की 6.8 प्रतिशत, माध्यमिक उत्पाद उद्योग की 0.2 प्रतिशत और ढांचागत एवं निर्माण उद्योग की वृद्धि 5.2 प्रतिशत रही.
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि अक्तूबर में विनिर्माण गतिविधियां नए आर्डरों की कमी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के नकारात्मक प्रभाव की वजह से घटी हैं. इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी अनुमान से अधिक रही है.