कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां कथित तौर पर राजनीतिक विरोध के चलते एक महिला को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा निर्वस्त्र कर 300 मीटर तक परेड करने के लिए मजबूर किया गया.
बताया गया है कि पीड़ित महिला पहले भाजपा की सदस्य थीं और हाल ही में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुई हैं.
हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह विवाद राजनीतिक विरोध से इतर जल निकासी का मसला है, जिस पर दो पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था.
वहीं, पीड़िता का कहना है कि उन्हें पार्टी बदलने के चलते हमले का शिकार होना पड़ा.
इस घटना की निंदा करने के साथ ही टीएमसी ने भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है. रविवार (19 अगस्त) को आठ सदस्यीय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने महिला से मुलाकात की.
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया, ‘चूंकि परिवार टीएमसी का समर्थन करता है, इसलिए भाजपा ने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण महिला के खिलाफ ऐसा अत्याचार किया. यह घटना बेहद शर्मनाक है. हमने अस्पताल में पीड़िता से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें प्रताड़ित किया. इसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं.’
ज्ञात हो कि जिस इलाके में ये घटना हुई है, उसे भाजपा का गढ़ माना जाता है. घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है और स्थानीय लोग मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हैं.
उधर, भाजपा के जिला परिषद नेता बामदेब गुचैत ने भी इस घटना को शर्मनाक बताया और दावा किया कि आरोपी भाजपा के केवल समर्थक हैं, पार्टी नेता या कार्यकर्ता नहीं हैं.
हालांकि, पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में भाजपा के बूथ अध्यक्ष तापस दास सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
मालूम हो कि यह घटना ऐसे समय में भाजपा के लिए शर्मिंदगी का सबब बनी है, जब पार्टी आरजी कर अस्पताल में रेप-हत्या की घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है.
इस संबंध में पूर्व भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, ‘किसी भी अपराध का कोई रंग नहीं होता और नंदीग्राम में इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए. हालांकि, पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक आम घटना बन गई है. आरजी कर अस्पताल की घटना को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर मार्च कर रही हैं – इससे बड़ी शर्म की बात नहीं हो सकती है.’
वहीं, जेंडर एक्टिविस्ट शताब्दी दास ने उन्नाव और कठुआ जैसी पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए भाजपा के महिला विरोधी इतिहास की आलोचना की.
उन्होंने कहा, ‘यह चौंकाने वाला मामला है! यहां हम इसलिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि महिलाएं सुरक्षित रहें. नंदीग्राम में एक महिला सिर्फ इसलिए सॉफ्ट टारगेट बन गई क्योंकि वह सत्ताधारी पार्टी की सदस्य थी. हम किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि पितृसत्ता और राज्य से लड़ रहे हैं. लेकिन भाजपा खुद एक ऐसी महिला विरोधी पार्टी है जिसका इतिहास उन्नाव और कठुआ जैसा है, वह शायद ही इस आंदोलन की भावना को समझ सके.’
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