उत्तर प्रदेश में गिरती कानून व्यवस्था पर हंगामा, सपा ने किया वॉकआउट

विधान परिषद में सपा सदस्यों ने 16 दिसंबर को विधानसभा के नज़दीक पूर्व भाजपा विधायक प्रेम प्रकाश के बेटे वैभव की हत्या का मामला उठाते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे.

उत्तर प्रदेश विधानसभा. (फोटो: पीटीआई)

विधान परिषद में सपा सदस्यों ने 16 दिसंबर को विधानसभा के नज़दीक पूर्व भाजपा विधायक प्रेम प्रकाश के बेटे वैभव की हत्या का मामला उठाते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे.

उत्तर प्रदेश विधासभा. (फोटो: पीटीआई)
उत्तर प्रदेश विधासभा. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: भाजपा के पूर्व विधायक के पुत्र की हत्या तथा प्रदेश में लगातार गिरती कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने मंगलवार को विधान परिषद में जमकर हंगामा किया. इसके अलावा सरकार की आलोचना के बाद सपा ने सदन से वॉकआउट किया.

इससे पहले बहुजन समाज पार्टी के एक सदस्य ने प्रशासन द्वारा अवैध खनन के एक मामले में अपने और परिवार का उत्पीड़न किए जाने का मुद्दा उठाया. इसका सपा और कांग्रेस के सदस्यों ने समर्थन किया. परिषद के सभापति ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया.

विधान परिषद में सपा सदस्यों- नरेश उत्तम, आनंद भदौरिया, मधु गुप्ता ने 16 दिसंबर को विधानसभा के नजदीक पूर्व भाजपा विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव की हत्या का मामला उठाया.

सदस्यों का कहना था कि शहर के वीवीआईपी इलाके में पूर्व विधायक के बेटे की हत्या कर दी जाती है और चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभियुक्तों को पकड़ नहीं पाई है, जबकि सीसीटीवी फुटेज के जरिये अभियुक्तों की पहचान हो चुकी है तथा परिजनों ने नामजद प्राथमिकी भी दर्ज कराई है.

वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी के सुनील कुमार चित्तौड़ ने गोंडा में 10 अक्टूबर को दिनदहाड़े बैंक लूटे जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इस मामले में बैंक गार्ड सादिक अली को बदमाशों ने गोली मार दी, लेकिन अभी तक इस मामले में अपराधी नहीं पकड़े गए.

इसका जवाब देते हुए नेता सदन उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि दोनों मामलों में पुलिस बहुत तेजी से जांच कर रही है और शीघ्र ही अपराधी गिरफ्तार होंगे.

नेता सदन के इस जवाब से समाजवादी पार्टी के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और नेता विपक्ष हसन ने सरकार पर कानून व्यवस्था की अनदेखी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और पार्टी के सभी सदस्यों ने वाकआउट कर दिया.

इससे पहले बसपा के सदस्य महमूद अली ने सदन को विशेषाधकार हनन की सूचना देते हुए बताया कि उनके ऊपर वर्ष 2012 में अवैध खनन का आरोप था. यह मामला न्यायालय में चल रहा है. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा उनका और उनके परिवार का उत्पीड़न किया जा रहा है. वह यह मुद्दा उठाते हुए सदन में भावुक हो गए.

सपा और कांग्रेस ने भी इस मामले पर उनका साथ दिया. इस मामले को सदन के सभापति रमेश यादव ने विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया.