मोदी को माफ़ी मांगने से दिक्कत है तो कह दें कि गुजरात चुनाव जीतने के लिए स्टंट किया था: कांग्रेस

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से साज़िश के आरोप पर कांग्रेस ने कहा कि मोदी की जगह अटल बिहारी वाजपेयी होते तो दस बार माफ़ी मांगते.

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लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया से बात करते हुए (फाइल फोटो: पीटीआई)

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से साज़िश के आरोप पर कांग्रेस ने कहा कि मोदी की जगह अटल बिहारी वाजपेयी होते तो दस बार माफ़ी मांगते.

लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया से बात करते हुए (फाइल फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया से बात करते हुए (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ साजिश करने के आरोप पर कार्रवाई नहीं कर, उन्होंने संविधान एवं पद की मर्यादा का उल्लंघन किया है.

ज्ञात हो कि पाकिस्तान के साथ साजिश का आरोप प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य पर कथित रूप से लगाया था.

कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कम से कम अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. पार्टी ने कहा कि यदि ऐसा प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हुआ होता तो उन्होंने 10 बार माफी मांगी होती.

पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी देश और अपने पूर्ववर्ती की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे पहले भी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से माफी की मांग की थी.

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया. हंगामे के कारण जहां राज्यसभा पूरे दिन बाधित रही, वहीं लोकसभा में भोजनावकाश के बाद पार्टी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री देश को तोड़ने का प्रयास और अच्छे लोगों की छवि पर धब्बा लगाने का काम कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री के पास पाकिस्तान के साथ खुफिया बैठक की सूचना थी, तो उन्होंने आईबी एवं अन्य खुफिया एजेंसियों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया.

खड़गे ने कहा, ‘यदि आप के पास पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ सबूत हैं तो आपको उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए. आप उनकी छवि पर धब्बा लगा रहे हैं और उनके राष्ट्रवाद पर सवाल उठा रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यदि प्रधानमंत्री के पास सबूत हैं, तो उन्होंने खुफिया एजेंसियों से यह पता क्यों नहीं लगवाया कि क्या कुछ राष्ट्र विरोधी है. उन्होंने गोपनीयता की शपथ ली है. यदि यह राष्ट्र हित में नहीं है और राष्ट्र विरोधी है, तो आपने संविधान और पद की मर्यादा का उल्लंघन किया है.’

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बस यही मांग की जा रही है कि प्रधानमंत्री को अपने उस गंभीर आरोप के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए, जिसमें उन्होंने गुजरात चुनाव के दौरान कहा था कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री एवं राजनयिकों के साथ गोपनीय बैठक की गयी जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सेना प्रमुख मौजूद थे.

उन्होंने कहा, ‘जब देश के प्रधानमंत्री पाकिस्तान के साथ साजिश करने का सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाते हैं तो यह एक बेहद गंभीर आरोप हो जाता है जिस पर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए.

आजाद ने कहा, ‘यदि उन्हें प्रधानमंत्री को माफी मांगने से दिक्कत है तो प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि गुजरात चुनाव जीतने के लिए उन्होंने एक स्टंट किया था, गोला फेंका था. यह हमें स्वीकार होगा.

उन्होंने कहा कि यदि अटल बिहारी वाजपेयी होते प्रधानमंत्री के रूप में, तो उन्होंने 10 बार माफी मांग ली होती. यह इस पर निर्भर करता है कि कौन प्रधानमंत्री हैं.

आजाद ने कहा, ‘उन्हें कहना चाहिए कि अब गेंद लक्ष्य पर लग गई है. गुजरात चुनाव भाजपा जीत गई है, वह अपने शब्द वापस ले रहे हैं. हम उसे भी स्वीकार कर लेंगे, उन्हें माफी मांगने की जरूरत नहीं है. उन्हें सिर्फ यही कहना है कि उन्होंने यह चुनाव जीतने के लिए कहा था.’

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