राज्यसभा में केद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि नोटबंदी से भवन निर्माण क्षेत्र में संपत्ति की कीमत पर पड़े असर का अध्ययन नहीं कराया गया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि नोटबंदी का भवन निर्माण क्षेत्र में संपत्ति की कीमत पर पड़े असर का कोई अध्ययन नहीं कराया गया है.
आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि नोटबंदी के बाद शुरू की गई भवन निर्माण योजनाओं पर मंदी जैसा कोई प्रभाव पड़ा हो, इसका कोई अध्ययन नहीं कराया गया है.
उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के दौरान 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने के बाद भवन/संपत्ति की कीमत में पांच से दस प्रतिशत तक की कमी आने के सवाल पर पुरी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई अध्ययन नहीं कराया गया है.’
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद भवन निर्माण क्षेत्र में संपत्ति की कीमतें कम होने संबंधी मीडिया रिपोर्टों के मद्देनज़र पुरी की यह जानकारी महत्वपूर्ण है.
रिपोर्ट में नोएडा, मुंबई और चेन्नई सहित दस शहरों में इस साल जनवरी के बाद भवन निर्माण संबंधी नई परियोजनाओं के शुरू होने में भी गिरावट आने की बात कही जा रही थी.
दिल्ली मेट्रो के किराये में इज़ाफ़े के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आने से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में पुरी ने कहा कि इस साल अक्टूबर में दिल्ली मेट्रो के यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इसकी एकमात्र वजह किराये में बढ़ोतरी को नहीं माना जा सकता है, बल्कि उस अवधि में त्योहारों की छुट्टियां आदि अनेक वजह रहीं.