ईरान के सरकारी टीवी के अनुसार, विभिन्न शहरों में सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्ज़ा करने की कोशिश की.
तेहरान: ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई. सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्जा करने की कोशिश की. सरकारी टीवी ने सोमवार को यह खबर दी.
आर्थिक मुद्दों पर मशहद में गुरुवार को प्रदर्शन शुरू हुआ और यह कई शहरों तक फैल गया. सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सरकारी टीवी ने बिना विस्तृत ब्यौरा दिए बताया कि रविवार रात झड़पों में 10 लोग मारे गए. शनिवार को पश्चिमी ईरान में प्रदर्शन के दौरान दो प्रदर्शनकारी मारे गए थे.
सरकारी टीवी के मुताबिक, हथियारों से लैस कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्जा करने की कोशिश की जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की.
इससे पहले सोमवार को अर्द्ध सरकारी समाचार एजेंसी इलना ने इजेह शहर के प्रतिनिधि हिदायतुल्ला खादेमी के हवाले से खबर दी कि रविवार रात वहां दो लोग मारे गए .
उन्होंने कहा कि फिलहाल मौत का कारण पता नहीं है. तेहरान के दक्षिण-पश्चिम में करीब 455 किलोमीटर दूर ईजेह में कई लोग हथियार रखे हुए हैं.
ईरान ने रविवार को इंस्टाग्राम और एक्टिविस्ट द्वारा लोगों को एकजुट करने के लिए इस्तेमाल होने वाले लोकप्रिय मैसेजिंग एप टेलीग्राम तक पहुंच बाधित कर दी.
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की ओर से शांति की अपील की गई थी लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. कई दिनों से देश में चल रही अशांति के बीच राष्ट्रपति ने आलोचना के लिए जगह देने का वचन दिया था.
यह विरोध प्रदर्शन साल 2009 के विशाल विरोध प्रदर्शन के बाद इस शासन के लिए इम्तिहान साबित हो रहा है. रूहानी ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संदेश में कहा, लोग आलोचना करने के साथ ही प्रदर्शन करने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र हैं, लेकिन आलोचना करना, हिंसा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से अलग होता है.
उन्होंने मैत्रीपूर्ण तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकारी इकाइयों को कानूनी आलोचना और प्रदर्शन के लिए जगह देनी चाहिए. राष्ट्रपति ने पारदर्शिता और संतुलित मीडिया की मांग की है.
ट्रंप ने ट्वीट कर ईरानी प्रदर्शनकारियों का किया समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान सरकार द्वारा इंटरनेट पर रोक लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है. फैसले के बाद से ही देश ईरान में भारी प्रदर्शन जारी है.
ट्रंप ने रविवार शाम एक ट्वीट में कहा, आतंक को प्रायोजित करने वाला ईरान नंबर एक देश है और वहां हर घंटे मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है, उसने अब सोशल मीडिया पर भी रोक लगा दी है जिससे शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी दर्ज न किया जा सके. यह सही नहीं है.
इससे पहले ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था कि विरोध प्रदर्शन के बाद अमेरिका ईरान में मानवाधिकारों के उल्लंघनों पर नजदीकी से नजर बनाए हुए है.
ट्रंप ने लिखा, ईरान में व्यापक प्रदर्शन जारी हैं. आखिरकार, लोग इस बात को लेकर सतर्क हो रहे हैं कि कैसे उनके धन एवं संपत्ति की चोरी कर उसे आतंकवाद पर लुटाया जा रहा है. ट्रंप के इस बयान का व्हाइट हाउस ने भी समर्थन किया है.
वहीं, इजरायल के एक वरिष्ठ मंत्री ने ईरानी प्रदर्शनकारियों को सफल होने की शुभकामना देते हुए इस बात पर जोर दिया है कि उनका देश इस बड़े प्रदर्शन में शामिल नहीं है.
एक रेडियो साक्षात्कार में खुफिया मामलों के मंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा कि उनका देश इसमें शामिल नहीं है लेकिन निश्चित रूप से वह खुद ईरान के लोगों की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के संघर्ष में सफल होने की शुभकामनाएं देते हैं.