अब चुनाव सिर्फ़ जनता के बीच नहीं लड़े जाते, सभी पार्टियों के सोशल मीडिया वार रूम अब ट्विटर और फेेसबुक पर भी चुनाव लड़ते हैं. इसी कड़ी में रविवार शाम से रातभर ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा #मोदी_की_हवा_टाइट_है.
ट्विटर के ट्वीटबाज़ों को देखकर यह धारणा टूट जाती है कि भारत की युवा पीढ़ी राजनीति में दिलचस्पी नहीं लेती. भले ही ट्विटर का ट्रेंड किसी पार्टी के वार रूम से संचालित होता हो, लेकिन हज़ारों सक्रिय अकाउंट देखकर तो यही लगता है कि युवाओं की राजनीति में ख़ासी दिलचस्पी है. लेकिन ऐसा नहीं है. सोशल मीडिया, ख़ासकर ट्विटर राजनीति खेमों के लिए एक-दूसरे को नीचा दिखाने का अड्डा भर है.
माइक्रो ब्लागिंग सोशल साइट ट्विटर पर रविवार शाम से लेकर देर रात तक टॉप ट्रेंड करता रहा, #मोदी_की_हवा_टाइट_है. इस हैशटैग के तहत भाजपा और नरेंद्र मोदी के विरोधियों ने उत्तर प्रदेश चुनाव मद्देनज़र उनका ख़ूब मज़ाक उड़ाया.
दूसरी तरफ कुछ मोदी समर्थकों ने भी मोर्चा संभाला. राधे सिंह ने ट्वीट किया, ‘#मोदी_की_हवा_टाइट_है, यह ट्रेंड कराने वालों पहले यह बताओ यूपी में लाइट है?’
आकाश उपाध्याय मोदी को शाबाशी देने के अंदाज़ में लिखा, ‘एक मोदी जी को हराने के लिए सबको एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा, इससे पता चलता है किसकी हवा टाइट है. #मोदीमय_काशी.’
विनय कुमार ने मोदी के कामकाज पर सवाल करते हुए ट्वीट किया, ‘अगर मोदी जी बनारस में थोड़ा भी काम कर देते तो आज यूं असली रोड शो नकली रोड शो का नाटक ना करना पड़ता.’ कविता यादव ने लिखा, ‘हद तो तब हो गई जब बनारस में एक पत्रकार ने एक आदमी से पूछा किसको वोट दोगे तो बोला भाई मैं बीजेपी का का मंत्री हूं, घूम-घूम कर प्रचार कर रहा हूं.’
नवीन खेतान ने लिखा, ‘राहुल और अखिलेश के रोड शो में भीड़ देखने के बाद भाजपा ने अपने रोड शो का नाम बदल कर जनदर्शन रख दिया.’
समझदार लड़की नाम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘उत्तर प्रदेश के लोगों, उम्मीद है कि आप लोग न्यूज़ चैनलों पर देख रहे होंगे कि बीजेपी आपका वोट लेने के लिए कैसे धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रही है.’
सागर ने लिखा, ‘एक पीएम, एक सीएम को हराने के लिए बेहाल होकर सड़कों पे फिर रहा है. इसकी दो ही बात हो सकती है या तो पीएम कमज़ोर है या फिर सीएम ताक़तवर.’ उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘मित्रों एक बात तो क़ाबिले-तारीफ़ है राहुल और अखिलेश की. मोदी को दो महीने से देश नहीं छोड़ने दिया.’
शरीक़ फिरदौसी ने लिखा, ‘यूपी में 24 नदियां हैं पर गंगा ने ही क्यों बुलाया? कहीँ मोदी जी का भागीरथ से भी कोई रिश्ता तो नहीं है?’
शाहरुख नाम के ट्वीटर हैंडल पर एक चित्र शेयर किया गया, जिसमें इशारा है कि मोदी जी चुनाव के दौरान तो बहुत शोर करते हैं लेकिन दलितों पर अत्याचार, भाजपा के आईएसआई लिंक और बाल तस्करी मामले पर चुप रहते हैं.
इस हैशटैग के तहत ज़्यादातर ट्वीट नरेंद्र मोदी और भाजपा का मज़ाक उड़ाने वाले थे. राजकुमार जायसवाल ने लिखा, ‘यूपी में बीजेपी की 335 सीट आ रही है, 35 सीट विधानसभा से और बाकी 300 सीट गुप्ता जी टेंट हाउस से.’
एपी सिंह का कहना था, ‘सारे मंत्री, खुद मोदी, सारे ध्रुवीकरण के पैंतरे, फिर भी गठबंधन से डर कर वाराणसी की गलियो में घूम रहे हैं, क्योंकि #मोदी_की_हवा_टाइट_है.’ जीएस सोधी ने रोड शो की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘बीजेपी वाले इस तस्वीर को ना देखें विचलित कर सकती हैं, ये है असली रोड शो यूपी के दो लड़कों का.’
कासिम अंसारी ने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा, ‘मित्रों, आप बनारस के कोई भी गली-कूचे मे चले जाओ, वहां हमारे बीजेपी के मंत्री, संसद व विधायक जरूर मिल जाएंगे.’
इसके साथ ही दूसरे तीसरे नंबर पर #भगवामय_पूर्वांचल, Modi in Varanasi, और #bjp_ke_karname भी ट्रेंड करता रहा.