सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के उल्लंघन के मामले में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा की सरकारों समेत राजपूत करणी सेना पर अवमानना की कार्रवाई की मांग की याचिका पर सोमवार को होगी सुनवाई.
नई दिल्ली: ‘पद्मावत’ फिल्म को पूरे देश में रिलीज करने संबंधी अपने आदेश का उल्लंघन करने के मामले में उच्चतम न्यायालय चार राज्यों की सरकारों और श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग करने वाली दो अलग अलग याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा.
कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने विवादों में घिरी बॉलीवुड फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज का विरोध कर रही भीड़ को काबू करने में कथित रूप से नाकाम रहने को लेकर राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है.
वकील विनीत ढांडा ने कई राज्यों में फिल्म का कथित हिंसक विरोध करने को लेकर करणी सेना और इसके पदाधिकारियों के खिलाफ भी अवमानना कार्रवाई की मांग करती हुई एेसी की पृथक याचिका दायर की है.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘सभी ताजा याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होगी.’
दोनों याचिकाओं में शीर्ष अदालत के विभिन्न आदेशों का जिक्र किया गया है जिनमें उसने पूरे भारत में फिल्म के प्रदर्शन को मंजूरी देते हुए कहा था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकारों का दायित्व है.
शुरूआत में न्यायालय ने पद्मावत की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली कई याचिकाओं को विभिन्न आधारों पर खारिज कर दिया था.
कुछ राज्यों द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद इसके निर्माताओं ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.
न्यायालय ने 18 जनवरी को सुनाए अपने आदेश में प्रतिबंधों को दरकिनार कर दिया था और फिल्म को 25 जनवरी यानी आज पूरे भारत में रिलीज किए जाने का रास्ता साफ करते हुए अन्य राज्यों को भी प्रतिबंध लगाने से रोक दिया था.
न्यायालय ने राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में दायर याचिकाओं को 23 जनवरी को खारिज करते हुए अपने 18 जनवरी के आदेश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था.