सरकार ने किसानों को बेवकूफ़ बनाया, मार्च में 180 किसान संगठन करेंगे प्रदर्शन: योगेंद्र यादव

बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तक बढ़ाने के प्रस्ताव में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की अनदेखी के चलते किसान संगठनों ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तक बढ़ाने के प्रस्ताव में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की अनदेखी के चलते किसान संगठनों ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

मुंबई: स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव के नेतृत्व में कई किसान संगठनों ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को पेश किए गए अंतिम पूर्णकालिक बजट की निंदा की और मार्च महीने से इसके खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की.

यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को फसल उत्पादन की लागत से डेढ़ गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के आधार पर करने के बजाए अपने फार्मूले के अनुसार किया है.

उन्होंने कहा, ‘हालांकि वित्त मंत्री ने एमएसपी को डेढ़ गुना कर दिया है, यह उन्होंने अपने फार्मूले के तहत तैयार किया है और यह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार नहीं है. सरकार के फार्मूले के मुताबिक उसे अपनी जेब से कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ेगा.’

यादव ने कहा कि बजट के औचित्य का सही अनुमान इसमें कई बार ‘किसान’ शब्द का प्रयोग किए जाने से नहीं लगाया जा सकता, बल्कि इन योजनाओं के लिए पर्याप्त आवंटन के आधार पर लगाया जाता है.

सरकार पर किसानों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि देशभर से 180 किसान संगठन मार्च महीने से विरोध प्रदर्शन करेंगे.

इस मौके पर लोक संघर्ष मोर्चा नेता प्रतिभा शिंदे और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के प्रतिनिधि रविकांत तुपकर भी उपस्थित थे.

एसएसएस के प्रतिनिधि रविकांत तुपकर ने कहा कि सरकार ने एमएसपी में बढ़ोतरी करने के फार्मूले को स्पष्ट नहीं किया है और न ही यह उल्लेख किया है कि फसल की लागत की गणना कैसे की जाएगी.