भारत में रोज़ाना डेढ़ लाख ऑनलाइन लेन-देन का ब्योरा हो जाता है लीक: साइबर सुरक्षा समन्वयक

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुए राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के सम्मेलन में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक गुलशन राय ने दी जानकारी.

(फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुए राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के सम्मेलन में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक गुलशन राय ने दी जानकारी.

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नई दिल्ली: देशभर में रोजाना होने वाले कुल 230 करोड़ ऑनलाइन लेन-देन में से करीब डेढ़ लाख का ब्योरा लीक हो जाता है.

आधिकारिक सूत्रों ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक गुलशन राय के एक प्रस्तुतीकरण के हवाले से कहा है, ‘सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के सम्मेलन में बताया गया कि देश में रोजाना करीब 230 करोड़ ई-लेनदेन होते हैं और इनमें से डेढ़ लाख का डाटा लीक हो जाता है.’

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुए राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के सम्मेलन में राय ने यह प्रस्तुतीकरण दिया.

सूत्रो ने बताया कि राय ने डाटा लीक होने की प्रमुख वजह फिशिंग हमले, रैनसमवेयर के हमले और आईपी अड्रेस के साथ छेड़छाड़ किए जाने को बताया. राय द्वारा पेश किए गए आंकड़े भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीएआरटी-इन) द्वारा किए गए आकलन के मुकाबले 3-4 गुना ज्यादा है.

भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने पेश की गई रिपोर्ट में बताया है कि 2014 में 44,679, 2015 में 49,455, 2016 में 50,326 और नवंबर 2017 तक 40,054 साइबर सुरक्षा से जुड़े मामले सामने आए हैं.

राय ने सरकार को कहा है कि वे साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन स्थापित करें और कंप्यूटर का विशेष ध्यान दें.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्री प्रसाद ने कहा है कि केंद्र सरकार एक विशेष टीम को भेज कर साइबर सुरक्षा के लिए ऑडिट करवाएगी और सभी राज्यों को भी निर्देश दे दिया गया है कि वे इस तरह की ऑनलाइन लेन-देन में आने वाली समस्या रोकने के लिए उनके जरूरी योजना बनाकर कदम उठाए जाने चाहिए.

भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम में 54 सुरक्षा ऑडिटिंग संगठनों को सूचीबद्ध किया गया है ताकि सूचना सुरक्षा के लिए बेहतर काम हो सके.