नेपाल में हुए ऐतिहासिक संसदीय और स्थानीय चुनावों में पार्टी की बुरी हार के करीब दो महीने बाद शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया.
काठमांडू: सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली गुरुवार को दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए. गौरतलब है कि ओली के वामपंथी गठबंधन ने करीब दो महीने पहले हुए संसदीय और स्थानीय चुनावों में नेपाली कांग्रेस को हराया था.
राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 65 वर्षीय ओली को देश का 41वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया. चीन के प्रति नरम रुख़ रखने के लिए जाने जाने वाले ओली इससे पहले 11 अक्टूबर, 2015 से तीन अगस्त, 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
प्रधानमंत्री पद के लिए ओली का समर्थन यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल और मधेशी राइट्स फोरम डेमोक्रेटिक के अलावा 13 अन्य छोटी पार्टियों ने किया है.
इससे पहले शेर बहादुर देउबा ने देश को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को सौंप दिया था. गौरतलब है कि देश में हुए ऐतिहासिक संसदीय और स्थानीय चुनावों में पार्टी की बुरी हार के करीब दो महीने बाद देउबा ने इस्तीफ़ा दिया है.
देउबा सीपीएन (माओवादी सेंटर) के समर्थन से पिछले वर्ष छह जून को नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री बने थे. सीपीएन (माओवादी सेंटर) अब वामपंथी गठबंधन का हिस्सा है और सीपीएन-यूएमएल के साथ विलय कर रहा है.
देउबा ने कहा, ‘मेरे नेतृत्व में सरकार के तीनों स्तरों के लिए मतदान सफलतापूर्वक पूरा हुआ और उसने सत्ता हस्तांतरण की नींव रखी.’
सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-माओवादी सेंटर गठबंधन को दिसंबर में हुए आम चुनावों में 275 में से 174 सीटों पर जीत मिली. सीपीएन-यूएमएल का नेतृत्व ओली जबकि सीपीएन-माओवादी सेंटर का नेतृत्व प्रचंड करते हैं.