राहुल ने कहा कि पैसा बैंकों में डलवाते वक्त प्रधानमंत्री ने एक प्रकार से जिम्मेदारी ली कि लोगों के पैसे की सुरक्षा की जाएगी. अब अलग-अलग मंत्री स्पष्टीकरण दे रहे हैं. किंतु, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री जो जिम्मेदार हैं, उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए इसकी अनदेखी करने का आरोप लगाया और उनसे यह बताने के लिए कहा कि इतना बड़ा घोटला क्यों और कैसे हुआ?
पार्टी अध्यक्ष ने कांग्रेस संचालन समिति की बैठक के बाद शनिवार को यह बात संवाददाताओं से कही. बैठक के बाद बैंक घोटाले की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह शुरुआत आठ नवंबर 2016 को हुई, जब मोदी जी ने 500 और 1000 रूपये के नोट बंद कर दिए. उस समय उन्होंने पूरे देश का पैसा लोगों की जेब से निकाल कर बैंकिंग प्रणाली में डाल दिया.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अब अजीब सी बात है कि नीरव मोदी 22 हजार करोड़ रूपये निकाल कर ले जाते हैं. प्रधानमंत्री शायद एक घंटा 45 मिनट परीक्षाएं लेना सिखाते हैं. किंतु वे यह नहीं बता सकते कि नीरव मोदी ने जो देश के 22 हजार करोड़ रूपये छीन लिए, उसके लिए कौन जिम्मेदार है?’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘अलग-अलग मंत्री स्पष्टीकरण देने रहे हैं. सामाजिक न्याय मंत्री, रक्षा मंत्री आए, किंतु प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री, जो इसके बारे में जिम्मेदार हैं, उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.’
उन्होंने कहा कि 22 हजार करोड़ रूपये के स्तर का घोटाला, जो नीरव मोदी ने किया है और प्रधानमंत्री मोदी जिसकी अनदेखी कर रहे हैं, इसको उच्च स्तर के संरक्षण के बिना किया ही नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि इस स्तर के घोटाले के बारे में सरकार के लोगों को मालूम होना ही चाहिए क्योंकि राशि इतनी बड़ी है.
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की जेब से पैसा निकालकर बैंकों में डलवाया. उन्होंने एक प्रकार से जिम्मेदारी ली कि उनके पैसे की सुरक्षा की जाएगी. और अब वही विफल हुआ है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक शब्द नहीं कह रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को बाहर आकर कहना पड़ेगा, क्या हुआ, क्यों हुआ? उन्हें यह भी बताना होगा कि वे इस बारे में क्या कर रहे हैं?’ उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को इसके बारे में जानकारी भी दी गयी थी.
संवाददाताओं द्वारा यह पूछने पर कि नीरव मोदी के साथ उनके भी संबंध होने के आरोप लगाए जा रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह सब इस मामले से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है.
वहीं, कांग्रेस संचालन समिति की बैठक में मामले से संबंधित एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें कहा गया कि भारत के सबसे बड़े बैंक घोटाले ने पूरी बैंकिंग प्रणाली की नियमन व्यवस्था एवं धोखाधड़ी पकड़ने की क्षमता की समूची विफलता तथा भारतीय रिजर्व बैंक एवं वित्त मंत्रालय की निगरानी की विफलता को उजागर किया है. दंड के भय के बिना जिस तरह से करोड़ों रूपये का सार्वजनिक धन लूटा गया और जिस तरह जोखिम प्रबंधन प्रणाली पूरी तरह से विफल हो गयी, वह स्वयं अपने में यह कहानी बयां करती है कि किस तरह पक्षपात किया गया और संरक्षण दिया गया.
आगे कहा गया है, ‘सत्य यह है कि बैंक घोटाले ने सांठगांठ वाले पूंजीवाद की संस्कृति को बेनकाब कर दिया, जो मोदी सरकार की नाक के नीचे फला और फूला.’ प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मोदी से मांग की गई है कि वे ‘मूक दर्शक’ बने रहने के बजाय इस सबसे बड़े बैंक घोटाले के तथ्यों से देश को अवगत कराएं.