खस्ताहाल कंपनियों के निजीकरण के लिए नीति आयोग बना रहा है नई सूची

पीएमओ ने नीति आयोग से खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की व्यावहारिकता परखने को कहा था. आयोग दे चुका है विनिवेश की सलाह.

(फोटो: रॉयटर्स)

पीएमओ ने नीति आयोग से खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की व्यावहारिकता परखने को कहा था. आयोग दे चुका है विनिवेश की सलाह.

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नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की एक और सूची तैयार की जा रही है, जिनका निजीकरण किया जा सकता है.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग से खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की व्यावहारिकता परखने को कहा था. आयोग पहले ही 40 खस्ताहाल सार्वजनिक कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश (लगाए गए पैसे को वापस लेना) की सलाह केंद्र को दे चुका है.

कांत ने कहा, ‘नीति आयोग रणनीतिक विनिवेश के लिए पहले ही 40 खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की सूची सौंप चुका है. निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग इस पर काम कर रहा है और यह काफी आगे बढ़ चुका है.’

उन्होंने कहा, ‘हम खस्ताहाल कंपनियों की चार सूची पहले ही भेज चुके हैं. हम पांचवीं सूची पर काम कर रहे हैं. हम छठी और सातवीं सूची भी तैयार करेंगे.’

सरकार का अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक कंपनियों के विनिवेश से 80 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है जबकि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति होने का अनुमान है जो बजट अनुमान से अधिक है.

2017-18 के बजट में विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपए की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया था.

इसमें 46,500 करोड़ रुपये सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) के विनिवेश के रूप में शामिल हैं, रणनीतिक विनिवेश से 15,000 करोड़ रुपये और बीमा कंपनियों की सूची से 11,000 करोड़ रुपये शामिल हैं.