पीएनबी घोटाले पर ‘चौकीदार’ चुप क्यों है: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि भारत में सभी ‘चोरों’ ने अपने काले धन को मोदी की मदद से सफेद कर दिया है.

New Delhi: Congress president Rahul Gandhi speaks to media at parliament during the Budget Session, in New Delhi on Wednesday. PTI Photo by Kamal Kishore (PTI2_7_2018_000084B)
New Delhi: Congress president Rahul Gandhi speaks to media at parliament during the Budget Session, in New Delhi on Wednesday. PTI Photo by Kamal Kishore (PTI2_7_2018_000084B)

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि भारत में सभी ‘चोरों’ ने अपने काले धन को मोदी की मदद से सफेद कर दिया है.

New Delhi: Congress president Rahul Gandhi speaks to media at parliament during the Budget Session, in New Delhi on Wednesday. PTI Photo by Kamal Kishore (PTI2_7_2018_000084B)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

बागलकोट (कर्नाटक): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ख़ुद को देश का ‘चौकीदार’ बताने वाले नरेंद्र मोदी पीएनबी घोटाला मामले पर ‘चुप’ क्यों हैं.

राहुल ने उत्तरी कर्नाटक के विजापुरा और और बागलकोट ज़िलों में पार्टी की रैलियों के दौरान रविवार को मोदी से यह भी पूछा कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की एक कंपनी के टर्नओवर में अचानक कथित बढ़ोतरी के संबंध में कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मोदी जी कर्नाटक आते हैं और भ्रष्टाचार के बारे में बोलते हैं. उन्होंने देश से उन्हें (मोदी) प्रधानमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा था बल्कि देश का चौकीदार बनाने के लिए कहा था.’

राहुल ने कहा कि एक तरफ़ उनकी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री (बीएस येदियुरप्पा) और भाजपा सरकार के चार अन्य पूर्व मंत्री जेल गए थे और मोदी इन लोगों के बीच बैठकर भ्रष्टाचार के बारे में बोलते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘अमित शाह के पुत्र की कंपनी के टर्नओवर में तीन महीनों में जबर्दस्त बढ़ोतरी हो जाती है और देश का चौकीदार इसकी जांच नहीं कराता है और इस पर एक शब्द भी नहीं बोलता है.’

राहुल कर्नाटक के उत्तरी हिस्सों के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. यह उनकी एक पखवाड़े से कम समय में राज्य की दूसरी यात्रा है.

कर्नाटक में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं.

नोटबंदी पर मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मोदी जी ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में देश को लाइन में (बैंकों की पंक्तियों में) खड़े होने के लिए कहा. आपने लाइन में एक भी अमीर व्यक्ति या सूट-बूट पहने हुए किसी व्यक्ति को नहीं देखा होगा.’

उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में सभी ‘चोरों’ ने अपने काले धन को मोदी की मदद से सफेद में बदल लिया है.

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए राहुल ने उनकी (मोदी) चुप्पी पर सवाल उठाए. इस घोटाला मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा और आभूषण कंपनी गीतांजलि के मेहुल चोकसी शामिल हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘नीरव मोदी 22 हज़ार करोड़ रुपये की चोरी में शामिल हैं और वह देश से भाग जाते हैं लेकिन इस देश का चौकीदार एक शब्द भी इस पर नहीं बोलता है.’

देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को वित्तीय अनियमितताओं में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी और कहा था कि जनता के पैसों की लूट को सहन नहीं किया जाएगा.

उन्होंने प्रधानमंत्री पर हर वर्ष देश में युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने के चुनावी वादे को पूरा करने में ‘विफल’ रहने का भी आरोप लगाया.

राहुल ने कहा कि मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के बावजूद भी, ‘घड़ियों से लेकर शर्ट और जूतों तक आप जो कुछ भी ख़रीदते हो, सब कुछ मेड इन चाइना है.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत ने जो प्रगति की है, उसका सबसे बड़ा कारण लोकतंत्र है.

उन्होंने कहा, ‘देश के लोगों, कांग्रेस पार्टी, आंबेडकर ने एक साथ मिलकर इस देश को यह संविधान दिया.’

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और अमेरिका में लगभग सौ या दो सौ साल पहले लोकतंत्र आया था, ‘लेकिन कर्नाटक ने 900 वर्ष पहले लोकतंत्र के बारे में दुनिया को सिखाया था.’

राहुल ने कहा, ‘जब कोई भाजपा कार्यकर्ता किसी आदिवासी या दलित या अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति पर हमला करता है तो वह समाज सुधारक बसवन्ना, अक्का महादेवी और रानी चेनम्मा के ख़िलाफ़ काम कर रहा होता है.’

संत अक्का महादेवी 12वीं शताब्दी की कवि और संत थीं. रानी चेनम्मा कित्तूर की रानी थीं और उन्हें वर्ष 1824 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ख़िलाफ़ सशस्त्र विद्रोह करने के लिए जाना जाता है.