सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो ने एसएससी के कुछ अधिकारियों पर भी परीक्षा के लिए जारी प्रवेश पत्रों में विसंगतियों का सत्यापन किए बगैर आरोपियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का आरोप लगाया है.
नागपुर: सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कथित रुप से फर्जी तरीके से नौकरी पाने को लेकर नागपुर के आयकर कार्यालय के 11 लिपिकों और राजस्थान के एक आयकर लिपिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
6 मार्च को दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, ब्यूरो ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के कुछ अज्ञात अधिकारियों पर भी इन पदों की परीक्षा के लिए जारी प्रवेश पत्रों में विसंगतियों का सत्यापन किए बगैर आरोपियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का आरोप लगाया है.
प्राथमिकी की प्रति सीबीआई ने अपनी वेबसाइट पर डाल दी है. आयोग ने 2012 और 2014 के बीच चयन प्रक्रिया आयोजित की थी. इस प्रक्रिया के तहत लिखित और कौशल परीक्षण हुआ था.
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब लिखित परीक्षा तथा कौशल परीक्षण के लिए इन कर्मचारियों को जारी किए गए प्रवेश पत्रों में उनके दस्तखत में अंतर पाया गया.
प्राथमिकी के अनुसार इन कर्मचारियों ने परीक्षा में अपनी जगह डमी उम्मीदवार को बिठाकर निरीक्षकों को धोखा दिया.
उन्होंने परीक्षा में उनकी जगह बैठने वाले डमी उम्मीदवारों के फोटो के साथ अपने फोटो की हेराफेरी कर दी.
प्राथमिकी के मुताबिक, आरोपियों ने प्रवेश पत्रों पर काफी सरल हस्ताक्षर किए ताकि डमी उम्मीदवार आसानी से उसे नकल कर सके तथा परीक्षा में उनकी जगह बैठ सके.
आयोग के कुछ अधिकारियों ने प्रवेश पत्रों में विसंगतियों का सत्यापन किए बगैर ही इन उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए.
नागपुर के आयकर कार्यालय के दो आशुलिपिकों एवं नौ बहुकार्य कर्मचारियों तथा राजस्थान के झुंझनू आयकर कार्यालय के एक लिपिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.