द्राबू की बर्ख़ास्तगी के बाद एक भाजपा नेता ने कहा कि इससे पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बीच दरार चौड़ी होगी.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य के वित्त मंत्री हसीब द्राबू की कश्मीर पर एक टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
दरअसल, द्राबू ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है. द्राबू ने राज्य में पीडीपी-भाजपा गठजोड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
पीडीपी सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली से जम्मू लौटी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल एनएन वोहरा को एक पत्र लिख कर द्राबू को मंत्रिपरिषद से तत्काल प्रभाव से हटाने की सिफारिश की थी.
अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल ने पत्र की जांच करने के बाद मुख्यमंत्री को जवाबी पत्र लिख कर 57 वर्षीय द्राबू को मंत्रिपरिषद से हटाने के उनके अनुरोध को अपनी मंजूरी देने से उन्हें अवगत कराया.
नई दिल्ली में भाजपा के एक नेता ने द्राबू को बर्खास्त करने का महबूबा के फैसले को गठबंधन के लिए एक झटका करार दिया क्योंकि यह दोनों दलों के गठबंधन के बीच दरार चौड़ी होगी. उन्होंने यह भी बताया कि द्राबू ने जीएसटी के ‘फार्मूलेशन’ में एक अहम भूमिका निभाई थी.
एक अखबार में द्राबू की टिप्पणी छपने के बाद रविवार से ही उन पर दबाव बढ़ रहा था. उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था , ‘जहां तक मुझे लगता है, यह (जम्मू कश्मीर) एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है.’
सूत्रों ने संकेत दिया है कि मुख्यमंत्री फिलहाल वित्त विभाग का प्रभार अपने पास रख सकती हैं. मुफ्ती मोहम्मद सईद के कार्यकाल के दौरान और जब महबूबा मुख्यमंत्री बनी, तब भी द्राबू ने भाजपा के साथ गठजोड़ करने में एक अहम भूमिका निभाई.
ताजा घटनाक्रम के बाद राज्य कैबिनेट की मंगलवार को होने वाली बैठक एक हफ्ते के लिए टाल दी गई है.
जम्मू कश्मीर सूचना एवं जन संपर्क विभाग ने ट्वीट किया, ‘मंगलवार दोपहर साढ़े बारह बजे होने वाली जम्मू कश्मीर कैबिनेट की बैठक टाल दी गई है. यह अब 20 मार्च को पूर्वाह्न 11 बजे होगी.’ पीडीपी ने रविवार को द्राबू से अपना बयान वापस लेने को कहा था क्योंकि यह पार्टी के रुख के विपरीत है.
पीडीपी उपाध्यक्ष मोहम्मद सरताज मदनी ने यहां कहा कि पार्टी जम्मू कश्मीर को एक राजनीतिक मुद्दा मानती है.
विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला भी इस मुद्दे में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री का पदभार किसे मिलता है. उन्होंने कहा कि द्राबू को अपनी टिप्पणी महंगी पड़ी.