दुधारू गाय-भैंसों को जारी होगी 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या

लोकसभा में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि नौ करोड़ दुधारू मवेशियों की पहचान करने के लिए 148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

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Jitendra Depuriya, a member of a Hindu nationalist vigilante group established to protect cows, is pictured with an animal they claimed to have saved from slaughter, in Agra August 8, 2016. Photo: Reuters

लोकसभा में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि नौ करोड़ दुधारू मवेशियों की पहचान करने के लिए 148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

Jitendra Depuriya, a member of a Hindu nationalist vigilante group established to protect cows, is pictured with an animal they claimed to have saved from slaughter, in Agra August 8, 2016. Photo: Reuters
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नयी दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या (यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर- यूआईडी) का इस्तेमाल करके दुधारू गायों और भैंसों की पहचान कर रही है. इस संबंध में नौ करोड़ दुधारू मवेशियों की पहचान करने के लिए 148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. सिंह ने हिना गावित और पीआर सुंदरम के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इससे पशुओं के वैज्ञानिक प्रजनन, रोगों के फैलने पर नियंत्रण और दूध तथा दुग्ध उत्पादों के व्यापार में वृद्धि करने के उद्देश्य की प्राप्ति होगी. राष्ट्रीय पशु उत्पादकता मिशन के ‘पशु संजीवनी’ घटक के तहत इसे लागू किया जा रहा है.

सिंह ने कहा कि इसकी तकनीक के लिहाज़ से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड पहले ही पशु स्वास्थ्य और उत्पादन संबंधी सूचना नेटवर्क (आईएनएपीएच) विकसित कर चुका चुका है, जिसे 12 अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या वाले पोलीयूरिथिन टैग का प्रयोग करके पशु पहचान संबंधी डाटा अपलोड करने के लिए राष्ट्रीय डाटाबेस के रूप में प्रयोग किया जा रहा है.

कृषि मंत्री ने बताया कि निविदा के आधार पर इस पोलीयूरिथिन टैग की कीमत आठ से 12 रुपये प्रति टैग है. नौ करोड़ दुधारू पशुओं की पहचान करने तथा उन्हें स्वास्थ्य पत्र जारी करने के लिए पशु संजीवनी घटक के तहत 148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस घटक के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को केंद्रीय हिस्से के रूप में 75 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है.