नोटबंदी के बाद वित्त मंत्रालय ने ख़ारिज किए सबसे ज़्यादा आरटीआई आवेदन: सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 के दौरान आरटीआई आवेदन ख़ारिज करने के मामले में गृह मंत्रालय दूसरे नंबर पर रहा.

(फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 के दौरान आरटीआई आवेदन ख़ारिज करने के मामले में गृह मंत्रालय दूसरे नंबर पर रहा.

RTI Currency Reuters
फोटो: रॉयटर्स

नई दिल्ली: वर्ष 2016-17 के दौरान केंद्र सरकार के जितने भी मंत्रालयों और विभागों को आरटीआई आवेदन प्राप्त हुए उसमें वित्त मंत्रालय ने सबसे ज्यादा सूचना के अधिकार( आरटीआई) आवेदनों को खारिज किया.

मालूम हो कि वर्ष 2016 में ही वित्त मंत्रालय ने 1,000 और 500 के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) द्वारा शुक्रवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.

रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सभी केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्र सरकार के विभागों में से वित्त मंत्रालय ने इस अवधि के दौरान प्राप्त 1,51,186 आवेदनों में से 18.41 प्रतिशत आवेदनों को खारिज कर किया.

साथ ही इसमें बताया गया कि आरटीआई आवेदनों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 6.1 फीसदी की कमी आई है. वर्ष 2015-16 के दौरान 9.76 लाख आवेदन प्राप्त हुए जिनकी संख्या वर्ष 2016-17 में घटकर 9.17 लाख हो गई.

इसमें से भी इस साल 6.59 फीसदी आवेदन सरकारी अथॉरिटी द्वारा खारिज कर दिए गए. केंद्र शासित प्रदेशों सहित सभी राज्यों द्वारा आरटीआई आवेदन ख़ारिज करने में 2015-16 की 6.62% तुलना में बेहद कम फर्क आया है.

सीआईसी के अनुसार आवेदन खारिज करने के अधिकतर मामलों में सरकारी अथॉरिटी द्वारा राष्ट्रहित, निजी जानकारी, जानकारी देने से देश का इनकार और आरटीआई एक्ट के सेक्शन 8 (1) के तहत ‘फिड्यूशियरी’ नियम का हवाला दिया गया था.

रिपोर्ट में बताया गया है कि आवेदन ख़ारिज करने के मामले में गृह मंत्रालय दूसरे नंबर पर है, जिसने उसे मिले 59,828 आवेदनों में से 16.08 प्रतिशत आवेदन खारिज किए. यह आंकड़ा 2015-16 में 14% था.