संप्रग अध्यक्ष ने कहा, ‘कांग्रेस को तबाह करने के लिए सरकार ने कोई कसर बाकी नहीं रखी. साम-दाम-दंड-भेद का खुला खेल चल रहा है. लेकिन, सत्ता के अहंकार के आगे कांग्रेस न कभी झुकी है और न कभी झुकेगी.
नई दिल्ली: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले चार साल में कांग्रेस को तबाह करने के लिए सत्ता का अहंकारी खेल खेला. उन्होंने कहा कि लेकिन सत्ता के अहंकार के आगे कांग्रेस न तो कभी झुकी है और न कभी झुकेगी.
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि 2014 का ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ का उसका नारा दरअसल सत्ता हथियाने के लिए की गई राजनीतिक ड्रामेबाजी थी.
सोनिया ने कांग्रेस के 84 वें महाधिवेशन को संबोधित करते कहा,‘पिछले चार साल में कांग्रेस को तबाह करने के लिए अहंकार और सत्ता के मद में चूर सरकार ने कोई कसर बाकी नहीं रखी. साम-दाम-दंड-भेद का खुला खेल चल रहा है. लेकिन सत्ता के अहंकार के आगे कांग्रेस न तो कभी झुकी है और न कभी झुकेगी.’
उन्होंने कहा,‘मोदी सरकार के तानाशाहीपूर्ण तौर-तरीकों और संविधान की उपेक्षा, उनकी अहंकारी विचारधारा, विपक्ष के खिलाफ गंभीर मुकदमे लगाना और मीडिया को सताना जैसे षड्यंत्रों का पर्दाफाश करने में कांग्रेस आगे रहकर संघर्ष कर रही है.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगियों के भ्रष्टाचार को हम सबूतों के साथ उजागर कर रहे हैं.
सोनिया ने कहा कि आप समझ रहे हैं कि 2014 के ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘मै न खाउंगा न खाने दूंगा’ जैसे उनके वादे सिर्फ और सिर्फ ड्रामेबाजी और वोट हथियाने की चाल थी.
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में नहीं है वहां पार्टी के कार्यकर्ता हर परेशानी और मुसीबत झेल कर राज्य सरकारों के अपराधों को उजागर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती है और संघर्ष करती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष और हमारे सामने जो चुनौतियां हैं उनका हमें डटकर मुकाबला करना होगा.
संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना होगा जो सत्ता के भय और मनमानी से मुक्त हो. जिसमें हर व्यक्ति के जीवन की गरिमा बनी रहे, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, प्रतिशोध-पक्षपात मुक्त भारत. इसके लिए हर कांग्रेस जन को बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए.
सोनिया ने अपने संबोधन में पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को निजी स्वार्थों एवं आकांक्षाओं से ऊपर उठने की नसीहत दी.
उन्होंने कहा कि यह समय निजी अहं और आकांक्षाओं के बारे में सोचने का नहीं है. इस वक्त तो यह देखना है कि एक-एक व्यक्ति पार्टी के लिए क्या कर सकता है.
उन्होंने कहा कि पार्टी की जीत पूरे देश की जीत होगी.
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस एक राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि कहीं आगे की सोच है. यह एक आंदोलन रहा है. आज सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस वह पार्टी बने जो एक बार फिर हमारे देश का बुनियादी एजेंडा तय करे. कांग्रेस फिर एक बार वह पार्टी बने जो हमारे विविधतापूर्ण समाज की उम्मीदों और आकांक्षाओं की नुमाइंदी करे. वह एक ऐसी पार्टी बने जो फिर से सार्वजनिक एवं राजनीतिक संवाद की सूत्रधार बने.
उन्होंने उम्मीद जताई कि कुछ माह बाद कर्नाटक विधानसभा में हमारी पार्टी का इतना शानदार प्रदर्शन हो कि वह फिर से देश की राजनीतिक दिशा तय करे.
उन्होंने कहा कि गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हमारे प्रदर्शन से पता लगता है कि जो लोग देश की राजनीति से हमारे अस्तित्व को मिटाना चाहते थे, उन्हें यह भी अंदाजा नहीं था कि लोगों के दिलों में कांग्रेस पार्टी के लिए कितना गहरा सम्मान है.
सोनिया ने संप्रग सरकार के दौरान बनाए गए मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार सहित विभिन्न कानूनों एवं कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें यह देखकर दुख और गहरा अफसोस होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इन कार्यक्रमों को कमजोर कर रही है. इनकी अनदेखी कर रही है.