शीर्ष अदालत ने फ़िलहाल लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी.
नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द से जल्द लोकपाल की नियुक्ति करने का कदम उठाएगी. केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए चयन समिति में प्रतिष्ठित न्यायविद के रिक्त पद को भरने की प्रक्रिया जारी है.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि पैनल में एक प्रतिष्ठित न्यायविद को शामिल करने की सिफारिश की जा चुकी है और इसकी प्रक्रिया जारी है.
पीठ ने कहा कि उसे इस चरण में कोई आदेश पारित करने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. पीठ ने उम्मीद जताई कि लोकपाल को नियुक्त करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाएगी. पीठ ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 15 मई तय की है.
पहले , वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव को समिति में प्रतिष्ठित न्यायविद के पद पर नियुक्ति दी गई थी लेकिन पिछले वर्ष उनके निधन के बाद से यह पद रिक्त पड़ा है.पीठ गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर दायर अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी. संगठन ने कहा था कि शीर्ष अदालत के पिछले वर्ष 27 अप्रैल के आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं की जा रही है.
शीर्ष अदालत ने अपने पिछले वर्ष के फैसले में कहा था कि प्रस्तावित संशोधनों को संसद से मंजूरी मिलने तक लोकपाल अधिनियम को लागू करने से रोकने के पीछे कोई तर्क नहीं है. इन प्रस्तावों में लोकसभा में विपक्ष के नेता का मुद्दा भी शामिल है.