गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और पलवल को जोड़ने वाले 135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 20 अप्रैल तक किया जाना था. शीर्ष अदालत ने कहा इसे अब तक जनता के लिए न खोला जाना आश्चर्यजनक है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिया कि नवनिर्मित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 31 मई से पहले किया जाए.
जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने यह निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि यदि 31 मई से पहले इसका उद्घाटन नहीं होता है तो इसे जनता के लिए खोल दिया जायेगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी पहले से ही यातायात का दबाव झेल रही है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि 135 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 20 अप्रैल तक उद्घाटन किए जाने की सूचना दी गई थी लेकिन इसे अभी तक जनता के लिए नहीं खोला जाना आश्चर्यजनक है. यह एक्सप्रेस-वे गाजियाबाद, फरीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर (ग्रेटर नोएडा) और पलवल को जोड़ेगा.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वकील ने न्यायालय को बताया कि एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना था लेकिन उनके पूर्व कार्यक्रमों की वजह से ऐसा नहीं हो सका.
शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर 2006 में ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना बनाई गई थी ताकि वे वाहन राजधानी में प्रवेश नहीं करें जिनका गंतव्य दिल्ली नहीं है.
Supreme Court ordered that Delhi’s Eastern Expressway be thrown open to public from June 1 even if the Prime Minister cannot inaugurate it by then, states that any delay will not be in interest of people. https://t.co/87cWAy7VXU
— ANI (@ANI) May 10, 2018
हरियाणा सरकर के वकील ने पीठ को बताया कि 135 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का 81 प्रतिशत निर्माण हो चुका है और इसके निर्माण से जुड़ी निजी कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि यह काम 30 जून तक पूरा हो जायेगा.
यह एक्सप्रेस-वे मानेसर के रास्ते कुण्डली और पलवल को जोड़ेगा. इसका निर्माण कार्य अगले साल फरवरी तक पूरा होने का लक्ष्य था लेकिन यह समय से पहले ही जून में पूरा हो जायेगा.
शीर्ष अदालत ने 2005 में केंद्र से कहा था कि दिल्ली के चारों ओर जुलाई 2016 तक एक नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाए ताकि राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों की भीड़ कम की जा सके.