अजमेर स्थित ख़्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्तूबर 2007 को रोज़ा इफ़्तार के समय हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हो गए थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक अदालत ने अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में बुधवार को भवेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
न्यायाधीश दिनेश चंद गुप्ता नेे भवेश पटेल पर 10 हजार और देवेंद्र गुप्ता पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्तूबर 2007 को रोजा इफ्तार के समय हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हो गए थे.
अदालत ने आठ मार्च को भवेश और देवेंद्र को दोषी करार दिया था जबकि स्वामी असीमानंद को मामले में रिहा कर दिया था. तीसरे दोषी सुनिल जोशी की विस्फोट के कुछ समय बाद ही मौत हो गई थी.
2007 Ajmer dargah blast case: Devendra Gupta and Bhavesh Patel sentenced to life imprisonment by Special NIA court pic.twitter.com/8x81c8l8jf
— ANI (@ANI) March 22, 2017
मामले की जांच पहले एटीएस राजस्थान को दी गई थी लेकिन बाद में इसे एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया जिसने छह अप्रैल 2011 को नई दिल्ली के एनआईए पुलिस थाने में इसे पुन:दर्ज किया था.
इसमें लगभग 149 गवाह थे एवं 451 दस्तावेजों की जांच की गई और एनआईए ने मामले में तीन पूरक आरोप पत्र भी दायर किए थे.