उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त ने कहा कि मलबे के नीचे कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका, इसलिए मारे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है.
लखनऊ/वाराणसी: वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार को एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ढह जाने से मलबे में दबकर कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. हादसे की चपेट में एक मिनी बस, कार और मोटरसाइकिलें आ गईं.
अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है.
हादसे के घंटों बाद माना जा रहा है कि निर्माणाधीन पुल के नीचे अभी भी लोग दबे हुए हैं. कई क्रेन को मलबा हटाने के काम में लगाया गया है. यह हादसा शाम चार बजे के क़रीब वाराणसी-इलाहाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग पर हुआ.
ज़िला प्रशासन ने बताया कि नौ लोग घायल हुए हैं लेकिन ग़ैर आधिकारिक ख़बरों के मुताबिक करीब 20 लोग घायल हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि एक मिनी बस और चार कार मलबे के नीचे दब गए. पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने को बताया कि आठ से 10 मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आए हैं.
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने लखनऊ में बताया कि वाराणसी फ्लाईओवर के घटनास्थल से 18 शव बरामद हुए हैं. उन्होंने कहा कि मलबे के नीचे कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका, इसलिए मारे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है.
करीब 250 कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की पांच टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है.
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कम से कम तीन लोगों को सुरक्षित बचाया गया.
अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था. फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था.
मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी और तीन अन्य को मंगलवार देर रात निलंबित कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा जब ढहा, उस वक़्त कोई काम नहीं चल रहा था.
प्रधानमंत्री एवं स्थानीय सांसद नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके स्थिति का जायजा लिया और हादसे में मारे गये लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद सुनिश्चित करने को कहा.
उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने ट्वीट कर हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
लखनऊ में एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मौके पर भेजा है. उनके निर्देश पर मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो 48 घंटे के अंदर मामले की तकनीकी जांच, दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के प्रस्ताव के साथ अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी.
योगी ने राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये तथा घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता का ऐलान भी किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल, पुलिस और अन्य संगठनों को राहत कार्य के लिये वाराणसी रवाना कर दिया गया है.
इस बीच, सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी में हुए हादसे में लोगों को बचाने के लिये अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बचाव दल के साथ पूरा सहयोग करने की अपील की.
उन्होंने यह भी कहा कि वह सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह केवल मुआवज़ा देकर अपनी ज़िम्मेदारी से भागने के बजाय पूरी ईमानदारी से जांच करवाएगी.
पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल को मौके पर भेजा गया है और पुलिस तथा पीएसी बल भी पहुंच रहा है.
उन्होंने बताया कि मलबे से निकाले जाने वाले घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए इंतज़ाम किया जा रहा है.