कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है. एक ओर कांग्रेस की विचारधारा है तथा दूसरी ओर संघ की विचारधारा है. हमको मिलकर खड़े होना है. हमें संविधान की रक्षा करनी है.
रायपुर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में भय का वातावरण है तथा सभी संस्थाओं को डराया जा रहा है.
राहुल गुरुवार को सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के जन स्वराज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश में संविधान पर जबरदस्त आक्रमण हो रहा है. कर्नाटक में विधायक एक तरफ हैं तथा एक तरफ राज्यपाल हैं. आप जानते हैं कि कोशिश क्या है? जनता दल (सेक्युलर) के नेता ने कहा है कि उनके विधायकों को खरीदने के लिए सौ करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है.
राहुल ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार की बात करनी है तो राफेल डील के बारे में बात कीजिए, अमित शाह के बेटे के बारे में बात कीजिए और पीयूष गोयल की कंपनी के बारे में बात कीजिए.
उन्होंने कहा कि 70 साल में पहली बार हुआ कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश प्रेस के सामने आते हैं और कहते हैं कि हमें काम नहीं करने दिया जा रहा है. हम दबाव में हैं. यह पहली बार किसी लोकतांत्रिक देश में हुआ है. तानाशाही वाले देशों में जरूर होता होगा. पाकिस्तान में होता हो, अफ्रीका के अलग-अलग देशों में होता हो, कभी कोई जनरल आ जाता है और प्रेस तथा कोर्ट को दबा देता है. लेकिन, हिंदुस्तान में 70 साल में यह पहली बार हुआ है.
राहुल ने कहा कि इसी तरह प्रेस को दबाने की भी कोशिश की जा रही है. प्रेस के लोग भी डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यहां हत्या के आरोपी व्यक्ति राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष हैं. यहां की सभी संस्थाएं डरी हुई हैं. जो डर जज में है, वही डर प्रेस में है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद से भी बात हो रही थी. वे भी डरे हुए हैं. पूरे देश में डर फैल रहा है. कौन इस डर को फैला रहा है और कौन-सी शक्ति इस डर का फायदा उठा रही है?
राहुल गांधी ने कहा कि देश में किसान कर्ज माफी की बात करता है तो वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते हैं कि किसानों की कर्ज माफी हमारी पॉलिसी में नहीं है. वहीं, एक साल के भीतर 15 सबसे अधिक अमीर लोगों का ढाई लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया जाता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि देश की सभी संस्थाओं में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों को नियुक्त किया जा रहा है. ये संस्थाएं देश की आवाज हैं. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि देश की जनता की आवाज आगे पहुंचे.
राहुल ने कहा, ‘वे चाहते हैं कि महिला केवल खाना पकाए, वे चाहते हैं कि दलित केवल सफाई का काम करे, वह पढ़ाई न करे, वह सपना न देखे.’
उन्होंने कहा, ‘हिंदुस्तान गरीब देश नहीं है. यहां गरीबी है. यहां देश के लाखों करोड़ रुपये 10-15 लोगों में बांट दिए जा रहे हैं. भाजपा और आरएसएस का लक्ष्य है कि देश की महिलाओं और दलितों की आवाज को दबाया जाए और देश का धन चुने हुए कुछ लोगों को दे दिया जाए.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब वे उत्तर प्रदेश में भट्टा पारसौल गांव गए थे और जमीन का मामला उठाया था, तब उनके उपर सबसे ज्यादा हमले किए गए. हमने कहा था कि जब भी किसानों की जमीन ली जाएगी, पंचायत की अनुमति के बगैर नहीं ली जाएगी. लेकिन, जब भाजपा की सरकार आई, तब अध्यादेश के माध्यम से इसे खत्म करने की कोशिश की गई.
राहुल ने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों से कहा कि हिंदुस्तान के पंचायत संगठन में बहुत ज्यादा शक्ति है. इसे कभी भी कमजोर नहीं होने देंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह दो विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ कांग्रेस की विचारधारा है तथा दूसरी तरफ आरएसएस की विचारधारा है. हमको मिलकर खड़े होना है. हमें संविधान की रक्षा करनी है.
राहुल ने पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार आएगी तो उनकी प्राथमिकता शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार होगी जिसमें मोदी सरकार लगातार विफल रही है. किसानों की बेहतरी के लिए काम किया जाएगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों को बोझ समझती है, लेकिन कांग्रेस उन्हें शक्ति मानती है. इस देश में कोई भी भूखा नहीं रहता, यह किसानों की ही देन है.
राहुल छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर हैं. अपने पहले दिन के दौरे में उन्होंने कांग्रेस से जुड़े पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित किया. वे सरगुजा ज़िले के सीतापुर में किसान आदिवासी रैली को संबोधित करेंगे. वहीं, बिलासपुर जिले के कोटमी में जंगल सत्याग्रह रैली को संबोधित करेंगे.
राज्य में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस दौरे को लेकर कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं.