एनपीए के चलते एसबीआई को 7,718 करोड़ रुपये का घाटा

आंकड़े बीते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के हैं. वहीं, पूरे वर्ष के दौरान बैंक को 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ने 10,484 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.

(फोटो: रॉयटर्स)

आंकड़े बीते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के हैं. वहीं, पूरे वर्ष के दौरान बैंक को 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ने 10,484 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.

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मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7,718.17 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध घाटा हुआ है. वसूली में फंसे कर्जों (एनपीए) के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से बैंक का घाटा ऊंचा रहा.

इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में देश के इस सबसे बड़े बैंक ने 2,814.82 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. पिछले साल एसबीआई में छह बैंकों का विलय हुआ था. यदि इन छह बैंकों के नतीजों को भी शामिल किया जाए , तो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 3,442 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.

इससे पहले दिसंबर, 2017 को समाप्त तीसरी तिमाही में बैंक को 2,416.37 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

एसबीआई ने बयान में कहा कि निचली निवेश आय और वेतन संशोधन के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से भी उसे घाटा हुआ है. एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘पिछले साल हमने एसबीआई में छह बैंकों का विलय पूरा किया. विलय के बाद यह पहला साल है. इस तरह से यह सिर्फ एसबीआई का नहीं, सातों बैंकों का प्रदर्शन है.’

पिछले साल पांच सहायक बैंकों, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का एसबीआई में विलय हुआ था. इसके अलावा भारतीय महिला बैंक का भी एसबीआई में विलय किया गया था.

पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में एसबीआई ने 10,484 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.

बयान में कहा गया है कि एनपीए के लिए प्रावधान बढ़ने तथा बाजार के हिसाब से निवेश पोर्टफोलियो पर आय कम रहने से बैंक को पूरे वित्त वर्ष में 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ.

मार्च तिमाही में गैर निष्पादित आस्तियों के लिए बैंक का प्रावधान 119 प्रतिशत बढ़कर 24,080 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10,993 करोड़ रुपये रहा था. चौथी तिमाही में कुल प्रावधान तथा आकस्मिक खर्च बढ़कर 28,096 करोड़ रुपये था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11,740 करोड़ रुपये रहा था.

एसबीआई ने कहा कि मार्च तिमाही में बट्टे खाते वाले खातों में वसूली में तेज 21.18 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली. जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक की कुल आय हालांकि बढ़कर 68,436.06 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 57,720.07 करोड़ रुपये थी.

पूरे वित्त वर्ष में बैंक की कुल आय बढ़कर 2,59,664 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2,10,979 करोड़ रुपये रही थी.
इस अवधि में बैंक का सकल एनपीए बढ़कर कर्ज के 10.91 प्रतिशत के बराबर हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6.90 प्रतिशत था.

इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए बढ़कर 5.73 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 3.71 प्रतिशत था. कुल मिलाकर 31 मार्च, 2018 तक बैंक का सकल एनपीए बढ़कर 2,23,427 करोड़ रुपये हो गया , जो मार्च , 2017 के अंत तक 1,12,343 करोड़ रुपये था.

इस अवधि में बैंक का शुद्ध एनपीए 58,277 करोड़ रुपये से 1,10,855 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बंबई शेयर बाजार में बैंक का शेयर 3.69 प्रतिशत चढ़कर 254.15 रुपये पर बंद हुआ.