22 मई को स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ 100 दिनों से चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया था और पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को एक सरकारी आदेश जारी किया और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वह वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर संयंत्र को सील करे और इसे ‘स्थाई रूप से’ बंद कर दे.
राज्य सरकार का यह फैसला बीते 22 मई को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद आया है जिसमें पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे.
सरकारी आदेश में कहा गया है कि इस संयंत्र को बंद करने के तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हालिया निर्देश का समर्थन करता है. इसमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा गया कि वह ‘इकाई को सील तथा संयंत्र को स्थाई रूप से बंद कर दे.’
दस्तावेज़ में ‘व्यापक जनहित में’ तांबा कारखाने को स्थाई रूप से बंद करने का आदेश देने के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों- पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अनुच्छेद 48 ए और जल क़ानून 1974 के प्रावधानों का उल्लेख किया गया.
इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नौ अप्रैल के आदेश का उल्लेख किया गया जिसमें तूतीकोरिन में वेदांता के तांबा पिघलाने वाले संयंत्र स्टरलाइट कॉपर के लिए संचालन अनुमति का नवीनीकरण करने से इनकार कर दिया गया था.
आदेश में ज़िक्र किया गया कि तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 23 मई को इकाई को बंद करने और इसकी बिजली काटने के दिशानिर्देश जारी किए थे. इसके एक दिन बाद इसकी बिजली काट दी गई थी.
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कहा कि सरकार ने लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए आदेश दिया है.
स्थानीय लोग कारखाने को बंद करने की मांग को लेकर 99 दिन से प्रदर्शन कर रहे थे. आंदोलन के 100वें दिन प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए.