भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक असुरक्षित, गोरक्षकों की हिंसा पर दर्ज नहीं होता केस: रिपोर्ट

अमेरिकी विदेश मंत्री ने वर्ष 2017 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वंतत्रता रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि भारत में साल के पहले छह महीनों में ईसाइयों को प्रताड़ित करने की 410 घटनाएं सामने आईं हैं.

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Aurangabad: A police personnel looks as fire is set ablaze due to a communal riot that escalated due to clamping illegal water connection in a religious place in Moti Karanja area of Aurangabad on Friday. PTI Photo (PTI5_12_2018_000047B)
Aurangabad: A police personnel looks as fire is set ablaze due to a communal riot that escalated due to clamping illegal water connection in a religious place in Moti Karanja area of Aurangabad on Friday. PTI Photo (PTI5_12_2018_000047B)

अमेरिकी विदेश मंत्री ने वर्ष 2017 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वंतत्रता रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि भारत में साल के पहले छह महीनों में ईसाइयों को प्रताड़ित करने की 410 घटनाएं सामने आईं हैं.

Aurangabad: A police personnel looks as fire is set ablaze due to a communal riot that escalated due to clamping illegal water connection in a religious place in Moti Karanja area of Aurangabad on Friday. PTI Photo (PTI5_12_2018_000047B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

वाशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर आधारित एक अमेरिकी रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि भारत में 2017 में हिंदू राष्ट्रवादी समूहों की हिंसा के कारण अल्पसंख्यक समुदायों ने खुद को बेहद असुरक्षित महसूस किया.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अधिकृत 2017 की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता वार्षिक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के मुताबिक, धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने बताया कि जहां राष्ट्रीय सरकार ने कुछेक बार हिंसा की घटनाओं के खिलाफ बोला, स्थानीय नेताओं ने शायद ही ऐसा किया और कई बार ऐसी सार्वजनिक टिप्पणियां कीं जिनका मतलब हिंसा की अनदेखी करने से निकाला जा सकता है.

इसमें कहा गया, ‘सिविल सोसाइटी के लोगों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों ने कहा है कि मौजूदा सरकार के अधीन धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों ने गैर हिंदुओं एवं उनके पूजास्थलों के खिलाफ हिंसा में शामिल हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के कारण खुद को काफी असुरक्षित महसूस किया.’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘अधिकारियों ने अकसर ही गोवध या गैरकानूनी तस्करी या गोमांस के सेवन के संदिग्ध लोगों, अधिकतर मुसलमानों के प्रति गोरक्षकों की हिंसा के खिलाफ मामले दर्ज नहीं किए.’

इसमें कहा गया, ‘सरकार ने उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम शिक्षण संस्थानों के अल्पसंख्यक दर्जे को चुनौती देना जारी रखा. अल्पसंख्यक दर्जे से इन संस्थानों को कर्मचारियों की नियुक्ति एवं पाठ्यक्रम संबंधी फैसलों में स्वतंत्रता मिली हुई है.’

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 13 जुलाई 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोमांस व्यापारियों, गोमांस के उपभोक्ताओं एवं डेयरी किसानों पर भीड़ द्वारा किए गए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए कहा कि गोरक्षा के नाम पर लोगों की जान लेना अस्वीकार्य है.

इसमें कहा गया है कि सात अगस्त को तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा था कि देश में दलित, मुसलमान और ईसाई खुद को काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने 10 अगस्त को एक साक्षात्कार में भी अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि देश में मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

उनकी टिप्पणियों के लिए भाजपा और हिंदू राष्ट्रवादी समूहों ने उनकी आलोचना की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ‘ओपन डोर्स’ के स्थानीय भागीदारों द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक साल के पहले छह महीनों में सामने आईं 410 घटनाओं में ईसाइयों को प्रताड़ित किया गया, डराया-धमकाया गया या धर्म को लेकर उन पर हमला किया गया. पूरे 2016 में इस तरह की 441 घटनाएं हुई थीं.

साथ ही, इसमें कहा गया कि 2017 में जनवरी से लेकर मई के बीच गृह मंत्रालय ने धार्मिक समुदायों के बीच 296 संघर्ष होने की सूचना दी. संघर्षों में 44 लोग मारे गए और 892 घायल हुए.