मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले में राज्य वन विकास निगम के वन परिक्षेत्र बरहई में हुई घटना. हत्या के बाद वन कर्मचारियों ने सबूत मिटाने के लिए ग्रामीण का शव जला दिया.
सिवनी: रोंगटे खड़े करने वाली एक घटना में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक डिप्टी रेंजर सहित आठ वन कर्मचारियों ने जंगल से जलाऊ लकड़ी ले जाने पर एक व्यक्ति की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या कर दी और सबूत मिटाने के लिए जंगल में चिता बनाकर उसके शव को जला भी दिया.
यह घटना गांगपुर गांव से सटे मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम (बरघाट प्रोजेक्ट) के वन परिक्षेत्र बहरई में मंगलवार को घटी और डिप्टी रेंजर सहित आठ वन कर्मचारियों को पुलिस ने बीते छह जून को गिरफ़्तार भी कर लिया है.
बरघाट थाना प्रभारी खेमेंद्र जैतवार ने गुरुवार को बताया, ‘गांगपुर गांव निवासी रूपचंद सोनवाने (40) की मंगलवार शाम हत्या कर शव को जंगल में जलाने के मामले में मुख्य आरोपी डिप्टी रेंजर संतोष उइके के साथ सात चौकीदारों- शिकेंद्रचंद हरिनखेड़े, सुरेंद्र हरिनखेड़े, सरवन विश्वकर्मा, संतोष ग्वाली, संतोष लोहार, फूलसिंह उइके एवं दिलीप ठाकरे को गिरफ़्तार कर लिया गया है.’
उन्होंने कहा कि बरघाट पुलिस ने इनके ख़िलाफ़ भादंवि की धारा 302 (हत्या), 201 एवं 147 के तहत मामला दर्ज किया है और विस्तृत जांच जारी है.
जैतवार ने बताया कि रूपचंद मंगलवार की शाम लकड़ी बीनने वन विकास निगम के जंगल गया था. इस दरम्यान गश्ती पर निकले डिप्टी रेंजर संतोष उइके और उनके साथ गए तीन चौकीदारों ने रूपचंद को पकड़ लिया. जंगल से सागौन काटकर ले जाने के शक में वन अमला ग्रामीण को पूछताछ के लिए डिप्टी रेंजर के निवास ले आया.
उन्होंने कहा कि रूपचंद को वन अमले द्वारा पकड़कर ले जाते हुए कुछ ग्रामीणों ने देख लिया. सूचना पर परिजनों के पूछने पर डिप्टी रेंजर ने उन्हें आश्वासन दिया कि पूछताछ के बाद रूपचंद को छोड़ दिया जाएगा. इससे परिजन लौट गए.
जैतवार ने बताया कि पूछताछ के नाम पर डिप्टी रेंजर व चौकीदारों ने ग्रामीण को इतना मारा कि उसने डिप्टी रेंजर के निवास पर ही दम तोड़ दिया. इसके बाद, उन्होंने सबूत मिटाने के लिए उसका शव रात के अंधेरे में जंगल में चिता बनाकर जला दिया.
उन्होंने कहा कि जब रूपचंद बुधवार को भी घर नहीं आया तो उसके परिजन फिर डिप्टी रेंजर के पास गए और उन्होंने कहा कि रूपचंद के लापता होने की शिकायत पुलिस थाना बरघाट में दर्ज करा दी गई है. इससे डिप्टी रेंजर घबरा गया और बरघाट थाने पहुंचकर पूरे मामले का खुलासा कर जुर्म कबूल लिया.