दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ विवाद में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के पांच अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ आरोप तय कर दिए हैं.
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) सुमित दास ने जब कार्यवाही शुरू की तो जेटली के अदालत में हाजिर नहीं होने के मुद्दे पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच गरमागरम बहस हुई.
अदालत में मौजूद केजरीवाल सहित अन्य आरोपियों ने गंभीर ख़तरे की शिकायत की, जिसके बाद न्यायाधीश ने सभी लोगों से अदालत कक्ष के बाहर जाने को कहा. हालांकि, मामले से जुड़े लोगों को अदालत कक्ष में मौजूद रहने को कहा गया.
सीएमएम ने केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं- आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के ख़िलाफ़ आरोप तय किए. इन नेताओं ने ख़ुद को निर्दोष बताया है.
इससे पहले, 30 जनवरी को अदालत ने केजरीवाल की वह अर्जी ख़ारिज कर दी थी जिसमें आरोप तय करने के मुद्दे पर सुनवाई की मांग की गई थी.
जेटली ने आपराधिक मानहानि की शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपियों ने डीडीसीए के बाबत पैदा हुए एक विवाद में उनकी मानहानि की थी जब जेटली दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष थे.
केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक दीवानी मानहानि मुकदमा भी दायर किया है और हर्जाने के तौर पर 10 करोड़ रुपये की मांग की है.