अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन पंक्चर: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं. यह स्थिति सरकार की ग़लत नीतियों के चलते पैदा हुई. भाजपा ने चिदंबरम के आरोपों को बेबुनियाद बताया.

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New Delhi: Senior Congress leader P Chidambaram speaks during a party briefing, as party media head Randeep Surjewala looks on, at AICC HQ, in New Delhi on Monday, June 11, 2018. (PTI Photo/Shahbaz Khan)(PTI6_11_2018_000029B)
New Delhi: Senior Congress leader P Chidambaram speaks during a party briefing, as party media head Randeep Surjewala looks on, at AICC HQ, in New Delhi on Monday, June 11, 2018. (PTI Photo/Shahbaz Khan)(PTI6_11_2018_000029B)

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं. यह स्थिति सरकार की ग़लत नीतियों के चलते पैदा हुई. भाजपा ने चिदंबरम के आरोपों को बेबुनियाद बताया.

New Delhi: Senior Congress leader P Chidambaram speaks during a party briefing, as party media head Randeep Surjewala looks on, at AICC HQ, in New Delhi on Monday, June 11, 2018. (PTI Photo/Shahbaz Khan)(PTI6_11_2018_000029B)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब होने का दावा किया और कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन टायर- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ़ सरकारी ख़र्च रूपी ‘टायर’ चल रहा है, लेकिन चालू खाता घाटे और वित्तीय घाटे की वजह से इस पर दबाव बढ़ रहा है.

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि जिन चार टायरों के आधार पर अर्थव्यवस्था चलती है उनमें से तीन टायर- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह स्थिति सरकार की नीतिगत ग़लतियों और ग़लत क़दमों के कारण पैदा हुई है.

चिदंबरम ने कृषि, जीडीपी, रोज़गार सृजन, व्यापार और अर्थव्यवस्था के कुछ दूसरे मानकों के आधार पर सरकार को घेरा.

चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने की वजह आज भी कारोबार प्रभावित हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मई 2014 के बाद बहुत सारी बातें की गई, लेकिन अर्थव्यवस्था की हालत खराब होती चली गई.’

चिदंबरम ने कहा, ‘किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुताबिक उपज के दाम नहीं मिल रहे हैं. हर किसान जानता है कि लागत से 50 फीसदी से अधिक की बात जुमला है.’

उन्होंने कहा कि रिज़र्व बैंक के सर्वेक्षण के मुताबिक 48 फीसदी लोगों ने माना कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हुई है.

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आज देश में गुस्सा है.

उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के वादे के तहत हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन कुछ हज़ार नौकरियां ही पैदा की गईं. श्रम ब्यूरो के सर्वेक्षण (अक्टूबर-दिसंबर, 2017) का डेटा जारी क्यों नहीं किया है?

चिदंबरम ने कहा कि विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था का असर कुछ हद तक देश की अर्थव्यवस्था पर होता है, लेकिन इन दिनों अमेरिका की अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है. यूरोप में स्थिति ठीक है. भारत में हमारी नीतिगत ग़लतियों और कुछ ग़लत क़दमों की वजह से अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है.

उन्होंने कहा कि 2015-16 में विकास दर 8.2 फीसदी थी जो 2017-18 में घटकर 6.7 फीसदी हो गई.

चिदंबरम ने कहा कि पिछले चार वर्षों में एनपीए 2,63,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,30,000 करोड़ रुपये हो गया तथा आगे और बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की कि 2017-18 में राज्य में 50,000 छोटे एवं मझोले कारोबार बंद हो गए, जिससे 5,00,000 नौकरियां ख़त्म हो गईं और एसएमई सेक्टर में पूंजी के निवेश में 11,000 करोड़ रुपये की कमी आई. यदि पूरे देश के लिए इन आंकड़ों की गणना की जाए, तो यह नुकसान कई गुना ज्यादा होगा. इससे नोटबंदी से हुए नुकसान का अनुमान लगाया जा सकता है.’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘महंगाई (इन्फ्लेशन) बढ़ती जा रही है. कुछ दिन पहले रेपो रेट में की गई वृद्धि इसका प्रमाण है. अब ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे उपभोक्ताओं और उत्पादकों के कंधों पर भार बढ़ेगा.’

उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में सामाजिक सुरक्षा से जुड़े क़ानून और कार्यक्रमों की उपेक्षा की जा रही है.

अर्थव्यवस्था पर चिदंबरम के आरोप बेबुनियाद, किसानों की समस्या कांग्रेस की विनाशकारी अर्थनीति की देन: भाजपा

अर्थव्यवस्था एवं किसानों की स्थिति को लेकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के आरोपों को ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और बेबुनियाद क़रार देते हुए भाजपा ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार की अर्थनीति से भारत आज विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है, जबकि किसानों की समस्या कांग्रेस की विनाशकारी अर्थनीति की देन है.

New Delhi: HRD Minister Prakash Javadekar speaks during a press conference at BJP Headquarter in New Delhi, on Friday. PTI Photo by Manvender Vashist(PTI3_23_2018_000241B)
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर. (फोटो: पीटीआई)

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में पी. चिदंबरम का बयान ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और बिना सिर पैर का है और हम इसे ख़ारिज करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘चिदंबरम ने भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में सवाल उठाए हैं. मैं उनको बताना चाहता हूं की भारत आज विश्व की सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है. जब दुनिया में मंदी का दौर था तब भी भारत ने पिछले चार वर्षों में उच्च विकास दर को बनाए रखा.’

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को चिदंबरम द्वारा चुनावी जुमला बताये जाने पर पलटवार करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसानों को उत्पादों का लाभकारी मूल्य विषय पर आयोग का गठन किया था. आयोग ने 2008 में रिपोर्ट पेश कर दी लेकिन उस पर कांग्रेस सरकार ने अमल नहीं किया.

उन्होंने कहा कि अब मोदी सरकार किसानों को लागत के साथ 50 प्रतिशत एमएसपी देने का निर्णय किया है तो उसे चुनावी जुमला बताना ग़ैर-जिम्मेदाराना है.

भाजपा नेता ने कहा, ‘किसानों को एमएसपी प्लस 50 प्रतिशत देना यह न कोई जुमला है और न ही कोई नारा है बल्कि यह हमारा वादा है. हम जो कहते हैं, वह करते हैं.’

किसानों की स्थिति के बारे में सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि किसानों की आज जो स्थिति है, वह कांग्रेस की विनाशकारी अर्थनीति का परिणाम है. इसके कारण कांग्रेस के शासनकाल में ही उनका जीना मुहाल हो गया था.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में आगे बढ़ रही है.

मुद्रास्फीति के विषय में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हमेशा से रिकॉर्ड रहा है- ‘विकास दर कम और महंगाई ज़्यादा’ लेकिन मोदी सरकार ने इसका उल्टा करके दिखाया है, ‘विकास दर बढ़ी है और महंगाई कम हुई है’.

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महंगाई पर देश की जनता को अपमानित करने वाला बयान दिया था कि ‘पैसे पेड़ों पर नहीं उगते’, और उनकी पार्टी के नेता आज महंगाई पर हमें पाठ पढ़ा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में मुद्रास्फीति की दर 2 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच रही है जबकि कांग्रेस के शासन के दौरान यह 10 प्रतिशत के आसपास रहती थी.

बैंकों में गैर निस्पादित आस्तियों (एनपीए) के बारे में आरोपों पर जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान भारी पैमाने पर क़र्ज़ दिए गए और सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं जो एनपीए हो गए. वर्तमान सरकार उनकी जांच कर रही है.

उन्होंने कहा कि बैंकों का एनपीए कांग्रेस सरकार का पाप है और कांग्रेस को देश के लोगों को जवाब देना चाहिए.

रोज़गार के विषय पर सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण रोज़गार के अवसर सृजित हो रहे हैं. कृषि क्षेत्र और आधारभूत ढांचा क्षेत्र का तेज़ी से विस्तार हो रहा है, सेवा क्षेत्र बढ़ रहा है. ऐसे में रोज़गार के अवसर सृजित हो रहे हैं.

जावड़ेकर ने कहा कि दूसरी तरफ़ कांग्रेस पकौड़ा बेचने पर सवाल उठाकर मेहनत करने वालों का आपमान कर रही है. एक बार चाय बेचने वाले का अपमान करने का परिणाम उसे मिल चुका है.

खाद्य सुरक्षा के विषय पर जावड़ेकर ने कहा कि संप्रग सरकार के समय 11 राज्यों में खाद्य सुरक्षा काननू लागू था, जबकि मोदी सरकार के दौरान इसका विस्तार पूरे देश में किया गया है.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 12 रुपये में सुरक्षा बीमा योजना और 302 रुपये में जीवन बीमा योजना शुरू की. इसके साथ ही 21 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए जो सरकार की जन संवेदी स्वरूप को दर्शाता है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तय होती है और पिछले कुछ दिनों में कीमतें कम हो रही है, तो सभी चुप हैं. सरकार इस विषय का दीर्घकालिक समाधान निकालने की ओर अग्रसर है.