आवासीय एवं शहरी विकास मंत्रालय की पुनर्विकास योजना के तहत पेड़ काटे जाने की ख़बरों के जवाब में मंत्रालय की ओर से कहा गया कि मौजूदा 21,040 पेड़ों में से 14,031 पेड़ काटे जाने हैं.
नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली में सात कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए करीब 14 हजार पेड़ काटे जाएंगे.
सरकार ने आवासीय एवं शहरी विकास मंत्रालय की पुनर्विकास की योजना के तौर पर नौरोजी नगर, नेताजी नगर, सरोजिनी नगर, मोहम्मदपुर, श्रीनिवासपुरी, कस्तूरबा नगर और त्यागराज नगर में करीब 17 हजार पेड़ काटे जाने की रिपोर्टों के जवाब में एक बयान में कहा, ‘मौजूदा 21,040 पेड़ों में से 14,031 पेड़ काटे जाने हैं.’
बयान में कहा गया है कि पुनर्विकास से हरियाली वाले इलाके में करीब तीन गुना वृद्धि होगी और जो पेड़ काटे जाएंगे उनके बदले में 1:10 की दर से पौधारोपण किया जाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि 1,35,460 पेड़ लगाए जाएंगे जिससे शहर में प्रदूषण का स्तर कम करने में मदद मिलेगी.
सरोजिनी नगर में 11,913 में से 8,322 पेड़ काटे जाएंगे जबकि नौरोजी नगर में 1,513 में से 1,465 पेड़ काटे जाएंगे.
बयान में कहा गया है कि नेताजी नगर में 3,906 पेड़ों में से 2,315 पेड़ काटे जाएंगे जबकि मोहम्मदपुर में 562 पेड़ काटे जाएंगे. कस्तूरबा नगर में 723, श्रीनिवासपुरी में 750 और त्यागराज नगर में 93 पेड़ काटे जाएंगे.
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पेड़ काटे जाने के खिलाफ पहले प्रदर्शन किया था.
सामाजिक कार्यकर्ता पद्मावती द्विवेदी ने गुरुवार को कहा, ‘हमने पेड़ काटे जाने के बदले में पौधे लगाने को कभी सफल हल के तौर पर नहीं देखा. दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यह आवश्यक है कि पुराने पेड़ न काटे जाएं.’
पर्यावरण से संबंधित मामलों को देखने वाले वकील आदित्य प्रसाद ने इस कदम को ‘आत्मघाती’ बताया.