फ़िरोज़ ख़ान पर उनके ही संगठन की एक महिला पदाधिकारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता और इस मामले की जांच के लिए बनी समिति की सदस्य रागिनी नायक ने कहा है कि अगर फ़िरोज़ पर आरोप साबित होता है तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ़िरोज़ खान. (फोटो: फेसबुक)
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान पर उनके ही संगठन की एक महिला पदाधिकारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. महिला पदाधिकारी छत्तीसगढ़ के भिलाई की रहने वाली है और राज्य इकाई की सदस्य हैं. आरोपों के बाद पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें सुष्मिता देव, रागिनी नायक और दीपेंद्र हुड्डा शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनएसयूआई की इंचार्ज रुचि गुप्ता ने कहा है कि मामले की जांच पार्टी करेगी.
A former state office bearer has emailed media alleging harassment by the @nsui national president. It Is notable that we have received no complaint from her. However given seriousness of charge, we have taken suo motu cognisance & have set up an AICC committee to investigate
— Ruchi Gupta (@guptar) June 25, 2018
पीड़ित महिला पदाधिकारी ने द वायर से बातचीत में बताया, ‘ये घटना 7-8 मई की है. उस समय हम सभी एनएसयूआई के सम्मलेन के लिए बेंगलुरु में थे. उस समय फिरोज बार-बार मैसेज करके मुझे अपने होटल बुला रहे थे. मुझे इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं क्योंकि व्हाट्सऐप चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर मौजूद है. वो मुझे बार-बार मिलने के लिए बुला रहे थे और न जाने पर कहते थे कि नहीं मिलोगी तो बात नहीं करूंगा. वो मुझे होटल आने के लिए बोल रहे थे और रात वहीं रुकने के लिए बोल रहे थे और मैंने मना कर दिया. मेरी चिंता यह है कि मैंने अपनी शिकायत ईमेल के जरिए पार्टी को भेजी थी. पता नहीं यह सब कैसे लीक हो गया. मैंने कभी सोशल मीडिया पर ये सब नहीं डाला.’
पीड़ित महिला पदाधिकारी का दावा है कि उसने ईमेल करने की जानकारी के बारे में पार्टी के नेताओं को भी बताया था. उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से कहा था कि वो एक ईमेल भेजकर अपनी समस्या पार्टी को बताएंगी, ताकि पार्टी उस पर कार्रवाई कर सके.
पीड़ित महिला पदाधिकारी ने कहा, ‘अब कुछ लोग कह रहे हैं कि मुझे केंद्रीय समिति में जगह नहीं मिली इसलिए मैं ये सब कर रही हूं. केंद्रीय समिति में मेरे अलावा बहुत लोगों को जगह नहीं मिली होगी. लड़कियां जब आवाज उठाती हैं, तब ऐसे नैरेटिव बनाया जाना शुरू हो जाता है. ऐसा कुछ होता तो मैं एफआईआर करती और मीडिया बुलाकर हंगामा करती, लेकिन मेरे द्वारा किया गया शिकायती मेल लीक हो गया.’
उन्होंने आगे बताया, ‘आठ मई के बाद मैंने फिरोज से न ही बात की और न मुलाकात की. उसके बाद छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 17 मई को राहुल गांधी के कार्यक्रम में आमना-सामना हुआ था, लेकिन मैंने कोई बात नहीं की. उस दिन मुझे पता चला कि फिरोज ने एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि मुझे नेशनल डेलिगेट के पद से हटा दिया जाए. यकीनन ये उसी दिन का गुस्सा था कि फिरोज के इतने दबाव के बाद भी मैं मिलने नहीं गई.’
पीड़ित महिला पदाधिकारी का आरोप है कि पार्टी के कुछ लोग उससे मामला रफा-दफा करने के लिए बोल रहे हैं और सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर चरित्र हनन का प्रयास कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल कर चरित्र हनन का प्रयास करने वाले के खिलाफ शिकायत भी करेगी.
पीड़ित महिला पदाधिकारी ने बताया, ‘मुझे पार्टी पर विश्वास है, इसलिए मैंने पार्टी से शिकायत की है. मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा. मैंने इससे पहले भी अलग-अलग राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ काम किया है लेकिन इनके जैसा किसी ने नहीं किया. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जो अपने पद का दुरुपयोग कर लोगों का शोषण करते हैं.’
डेली पायनियर के अनुसार, महिला पदाधिकारी की बड़ी बहन का कहना है, ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मेरी बहन पर अपने कमरे में आने के लिए मानसिक रूप से दबाव बनाया. अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने भी इसी तरह का शोषण झेला है, लेकिन वे सामने आने को तैयार नहीं है.’
द वायर ने आरोपों को लेकर एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान को बहुत बार फोन किया और मैसेज भेजकर भी उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने न फोन उठाया और न किसी मैसेज का जवाब दिया.
वहीं, छत्तीसगढ़ एनएसयूआई के अध्यक्ष आकाश शर्मा ने द वायर से बताया, ‘महिला हमारे संगठन की पदाधिकारी हैं और 2015 में उन्होंने बतौर नेशनल डेलिगेट चुनाव में जीत दर्ज की थी. राज्य में उनका काम कम था. उन्होंने ज्यादा काम दिल्ली में किया है. मैं नहीं जानता ये क्या मसला है. पार्टी में शिकायत हुई है और वो उस पर जांच के बाद कार्रवाई करेंगे. पार्टी महिलाओं का सम्मान करती है और सभी पक्षों को सुनने के बाद उचित फैसला लेगी.’
इस मसले को लेकर बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के खिलाफ प्रदर्शन किया और नेता को निष्कासित करने की मांग की. एबीवीपी नेता सौरभ शर्मा ने कहा कि यह छात्र राजनीति के लिए बहुत ही शर्म की बात है. एनएसयूआई की महिला सदस्यों को पीड़िता का साथ देना चाहिए.
एनएसयूआई की इंचार्ज रुचि गुप्ता ने द वायर से बातचीत में बताया, ‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि कैसे शिकायत वाला ईमेल लीक हुआ है. मेरे पास शिकायत नहीं हुई. महिला को मुझे ईमेल करना चाहिए था क्योंकि मैं इंचार्ज हूं. फिलहाल मामले की जांच कमेटी कर रही है और वही जानकारी दे पाएंगे.’
मौजूदा जानकारी के अनुसार फिरोज खान अब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं.
वहीं, कांग्रेस नेता और इस मामले की जांच के लिए बनी पार्टी की समिति की सदस्य रागिनी नायक ने द वायर से कहा, ‘देखिए हमें मीडिया से जानकारी मिली है कि महिला पदाधिकारी ने यौन शोषण की बात कही है. हमनें खुद इस बात का संज्ञान लेकर जांच शुरू की है. हमने अभी तक फिरोज पर कोई भी कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि मामले की जांच हो रही है. अभी फिलहाल महिला पदाधिकारी की परीक्षा है और वो उसके बाद जांच समिति के सामने आपका पक्ष रखेंगी. हम दोनों पक्षों को सुनकर कार्रवाई करेंगे. हमारा संगठन 1970 से चल रहा है और ऐसा कभी नहीं हुआ. मैं इस बात को लेकर आपको आश्वस्त कर दूं कि अगर फिरोज के खिलाफ आरोप साबित होते हैं, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी और अगर महिला का आरोप झूठा साबित होता है, तो महिला पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी. महिला ने मुझे कहा है कि वो परीक्षा के बाद और सबूत दिखाएंगी. अगले 10-15 दिनों में जांच का निष्कर्ष सब के सामने होगा.’
संगठन के अन्य नेताओं द्वारा दबाव पर रागिनी का कहना है, ‘मैंने महिला को कहा है कि उन्हें किसी के दबाव में नहीं आना है. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी आरोपी होगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. अगर कोई दबाव बना रहा है तो उनसे कहा गया है कि वह उसकी भी जानकारी समिति को दें, उस पर भी कार्रवाई होगी.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)