सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा, ताजमहल की ख़ूबसूरती को बहाल करो या फिर इसे गिरा दो

पीठ ने ताजमहल और पेरिस में एफिल टावर के बीच तुलना करते हुए कहा कि यह स्मारक संभवत: ज़्यादा ख़ूबसूरत है, लेकिन भारत वहां के ताजमहल के मौजूदा हालातों की वजह से लगातार पर्यटक और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है.

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(फोटो साभार: रॉयटर्स)

पीठ ने ताजमहल और पेरिस में एफिल टावर के बीच तुलना करते हुए कहा कि यह स्मारक संभवत: ज़्यादा ख़ूबसूरत है, लेकिन भारत वहां के ताजमहल के मौजूदा हालातों की वजह से लगातार पर्यटक और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है.

(फोटो साभार: रॉयटर्स)
(फोटो साभार: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के रवैये से खिन्न उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि ताजमहल की खूबसूरती को बहाल करिए या फिर आप चाहें तो इसे नष्ट कर सकते हैं.

न्यायालय ने विश्व धरोहर की संरक्षा के प्रति केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और तमाम प्राधिकरणों को उनके उदासीन और ढुलमुल रवैये के लिए आड़े हाथ लिया.

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण को लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं आती है. शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर दृष्टि पत्र लाने में विफल रही है.

जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘आप (सरकार) ताज को बंद कर सकते हैं. आप चाहें तो इसे ध्वस्त कर सकते हैं और यदि आपने पहले से ही फैसला कर रखा है तो इससे छुटकारा पा सकते हैं.’

पीठ ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश (सरकार) को परवाह नहीं है. कोई कार्ययोजना या दृष्टि दस्तावेज अभी तक नहीं मिला है. आप या तो इसे गिरा दीजिए या आप इसकी खूबसूरती बहाल कीजिए.’

शीर्ष अदालत मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज महल की याद में आगरा में बनाए गए ताजमहल को बचाने के लिए इसके आसपास के क्षेत्र में विकास कार्यों की निगरानी कर रही है. सफेद संगमरमर से बना यह स्मारक यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है.

इस मामले में सुनवाई के दौरान पीठ ने ताजमहल और पेरिस में एफिल टावर के बीच समानता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह स्मारक संभवत: ज्यादा खूबसूरत है लेकिन भारत वहां के मौजूदा हालातों की वजह से लगातार पर्यटक और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है.

एफिल टावर का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि भारत में सुरक्षा को लेकर चिंता है लेकिन दूसरे देशों में टीवी टावर की तरह टावर बनाए गए हैं जहां से पर्यटक पूरे शहर का नजारा देख सकते हैं.

विदेशी शहरों में आपको शहर का विहंगम दृश्य देखने के लिए इस तरह के टावर मिल जाएंगे, यहां इस तरह के टावर नहीं हैं.

एक वकील ने जब यह कहा कि दृष्टि दस्तावेज तैयार किया जा रहा है तो पीठ ने पलट कर कहा कि क्या यह दस्तावेज ताजमहल के ध्वस्त होने के बाद आएगा?

ताजमहल की सुरक्षा करनी होगी या फिर भारत सरकार को यह फैसला करना होगा कि क्या इसे गिराना है. भारत में पिछले साल आने वाले पर्यटकों की संख्या में बारे में पूछने पर अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि 2017 में यह करीब एक करोड़ थी.

न्यायालय ने केंद्र को दो सप्ताह के भीतर हलफनामे में ताजमहल के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों और अब आगे उसकी योजना का विस्तृत विवरण देने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में 31 जुलाई से रोजाना सुनवाई की जाएगी.

पीठ ने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के बारे में संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.

केंद्र ने पीठ को बताया कि आईआईटी-कानपुर ताजमहल और उसके आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है और चार महीने में अपनी रिपोर्ट देगा.

केंद्र ने यह भी बताया कि ताजमहल और उसके इर्द-गिर्द प्रदूषण के स्रोत का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है जो इस विश्व प्रसिद्ध स्मारक के संरक्षण के उपाय सुझाएगी.